बड़ी मस्जिद के पेशइमान का एलान, शब-ए-बारात एक को
- त्योहार में पटाखों की कोई जगह नहीं, इबादत है जरुरी : पेशइमाम
शब-ए-बारात की रात अल्लाह रहमत के दरवाजे खोलता है। इस दिन इबादत के दौरान जो भी दुआ मांगी जायेगी वह पूरी होती है। उन्होंने सभी मुसलमानों से शबेबारात की रात इबादत करने व उसकी सुबह रोजा रखने की हिदायत की है।
पेशइमाम ने बताया कि हजरत मोहम्मद स. फरमाते है कि जो शख्स शाबान की 15 तारीख को रोजा रखेगा, उसे जहन्नम की आग नहीं छुयेगी। उन्होंने बताया कि शब-ए-बारात की रात खुदा की इबादत का हुक्म है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी से दीन और दुनिया दोनो जगह घाटा है। आतिशबाजी से हवा व आवाज का प्रदूषण होता है। जो इंसान के लिए बहुत हानिकारक है। उन्होंने आम लोगों से त्योहार को सही ढंग से मनाने व अधिक से अधिक इबादत करने का आह्वान किया है।
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