कृषि क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पाद संरक्षण पर करार
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और पेट्रोलियम कोंनसरवेंशन रिसर्च
एसोसिएशन (पीसीआरए) के बीच दस मई को एमओयू हुआ। इस करार के अनुसार बीएयू और पीसीआरए
मिलकर कृषि क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों के उर्जा और संरक्षण के बेहतर उपयोग
पर जागरूकता फैलाने के लिए सहयोगी के रूप से काम करेंगे। बीएयू बोर्ड रूम में
कुलपति डॉ परविंदर कौशल की मौजूदगी में कुलसचिव डॉ एन कुदादा और डायरेक्टर सह चीफ
रीजनल कोर्डिनेटर, पीसीआरए-ईस्टर्न रीजन प्रबीर कुमार रायचौधरी के बीच इस समझौते पर
करार किया गया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि बदलते मौसम और परिवेश में संसाधनों का संरक्षण
काफी महत्वपूर्ण है। कृषि कार्य में खेत की तैयारी से लेकर फसल कटाई के बाद के काम
में कृषि यंत्र का उपयोग किया जाता है। ये यंत्र पेट्रोलियम उत्पादों से चलते हैं।
इन यंत्रो के उचित रखरखाव और देखभाल से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में कमी लाकर इनका
संरक्षण किया जा सकता है। कृषि लागत में कमी लाकर किसानों की आमदनी बढायी जा सकती
है। उन्होंने कहा कि पीसीआरए के सहयोग से बीएयू के सभी 16 केवीके
में जागरूकता अभियान चलाकर कृषि क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों के बेहतर उपयोग
से उर्जा के संरक्षण के महत्व के बारे में किसानो को बताएगा। विश्वविद्यालय मुख्यालय
में कार्यशाला, कर्मशाला आयोजित किये जायेगे। वैज्ञानिक और
छात्रों को भी जागरूक किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक वर्ष सभी 16 केवीके और 3 क्षेत्रीय अनुसन्धान केन्द्रों में
उर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाएगा।
पीसीआरए के डायरेक्टर ने कहा कि इस तरह का अभियान पूर्वी क्षेत्र के
ओडिशा, आसाम और पश्चिम बंगाल के कृषि विश्वविद्यालयों में चलाये जा रहे है। कृषि
कार्य में लिफ्ट सिचाई और यंत्रो के इस्तेमाल में पेट्रोलियम उत्पादों की काफी खपत
है। देश में जरूरत का 18-19 प्रतिशत ही उत्पादन होता है। इसे देखते हुए इनके
कुशल उपयोग को बढ़ावा देकर संरक्षण करने से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और इनके
आयात में कमी लाकर विदेशी मुद्रा की बचत की जा सकती हैं। समारोह का संचालन डॉ
जगरनाथ उरांव और धन्यवाद डॉ डीएन सिंह ने किया। मौके में बीएयू के डॉ जेडए हैदर,
डॉ राघव ठाकुर, डॉ महादेव महतो, डॉ अरुण प्रसाद, डॉ सोहन राम, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ
एआर देव, डॉ देवेन्द्र प्रसाद, डॉ डीके शाही और डॉ बीके अग्रवाल और पीसीआरए के अपर
निदेशक आशीष कुमार मौजूद थे।
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