कोयला कामगारों की संतानों को उच्च शिक्षा दिलाएगी कंपनी
रांची। कोयला कामगारों के लिए खुशखबरी।
संतानों को तकनीकी उच्च शिक्षा दिलाने के लिए उन्हें टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
अब कंपनी उन्हें पढ़ाएगी। खर्च वहीं वहन करेगी। इस बात पर दसवें वेतन समझौते में सहमति
बन गई है। आदेश जारी होने के बाद कामगारों को पैसा मिलने लगेगा।
वेतन समझौते के शैक्षिणक सुविधा के बिंदु
में इसका जिक्र है। इसके तहत देश के सभी आईआईटी, एनआईटी, सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेजों में
नामांकन होने पर कंपनी ट्यूशन फीस और हॉस्टल चार्ज देगी। पहले कामगार को उसका पेमेंट
करना होगा। इसके बाद रसीद जमा करने पर कंपनी उसकी प्रतिपूर्ति कर देगी। यह बेटा और
बेटी दोनों की पढ़ाई करने पर लागू होगा। ऐसे संस्थानों की संख्या देश भर में करीब
ढाई सौ बताई जाती है। हालांकि किसी प्राईवेट कॉलेज से पढ़ने पर कंपनी खर्च नहीं देगी।
वर्तमान में आईआईटी या कैंपस के लिए चिह्नित कॉलेजों
में नामांकन होने पर ही कंपनी खर्च वहन कर रही थी। ऐसे कॉलेजों को अंगुली पर गिना जा
सकता था। यूनियन के प्रतिनिधियों ने सभी सरकारी कॉलेजों का खर्च वहन करने की मांग उठाई
थी। कंपनी के क्षेत्र में चल रहे कई स्कूलों में भी बच्चों के नामांकन पर कर्मियों
छूट दी जाती है। उन्हें अन्य की तुलना में आधी फीस लगती है। कई अन्य सुविधाएं भी
मिलती है।
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