इतना बड़ा होता है हाथी
रांची। अब तक किताबों में पढ़े थे। घर
में बड़ों से सुना करते थे। यहां सब आंखों से देख रहे थे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं
था। उनकी खुशी देखते बन रही थी। वे पहली बार यहां आए थे। हाथी, भालू, बंदर
देखकर धमाल मचा रहे थे। जानवरों के पास जाकर उन्हें छूने का उनका दिल हो रहा था। ये
बच्चे राजधानी के कांके प्रखंड के बुकरू स्थित कायाकल्प पब्लिक स्कूल हैं।
इनकी संख्या 30 थी। वे अपने शिक्षकों के साथ ओरमांझी स्थित बिरसा मुंडा जैविक उद्यान
आए थे।
स्कूल
का संचालन कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल करती है। इसमें आसपास के इलाकों के गरीब
बच्चों का नामांकन होता है। स्कूल की शुरुआत बीते 15 जनवरी को हुई है। बच्चों को
एक्सपोजन विजिट
के तहत जैविक उद्यान लाया गया था। सभी को बैटरी से चलने वाली गाड़ी से जू का भ्रमण
कराया गया। साथ गए शिक्षक और सीसीएल के अधिकारियों ने जानवरों की पहचान कराने के साथ-साथ
बच्चों को उनकी खूबियां बताई। बच्चे देखकर दंग थे कि हाथी इतना बड़ा होता है।
कंपनी
के वरीय कार्मिक प्रबंधक आलोक गुप्ता के मुताबिक इसके माध्यम से बच्चों को मस्ती
के साथ जानकारी देने की कोशिश की गई। आने वाले दिनों में अन्य जगहों पर भी बच्चों
को एक्सपोजर के लिए ले जाने की योजना है। सीएसआर विभाग इस दिशा में प्रयत्नशील है।
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