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जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य: मुख्यमंत्री

रांची।  मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक झारखंड को जगमग करना है। हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को किसी भी हाल में प्राप्त करना है। हो सके तो दीपावली तक यह लक्ष्य हासिल करें। गरीब के घर में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने में जो अधिकारी-कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से हटायें। सरकार कुर्सी तोड़ने के लिए तनख्वाह नहीं देगी। उक्त बातें उन्होंने झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में ऊर्जा विभाग की विभिन्न उपभोक्ता सेवाओं के शुभारंभ तथा नियुक्ति पत्र वितरण के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि झारखंड को 2022 तक विकासशील से विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा करना है। बिजली के बिना विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया है कि 2022 में जब 75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा, तब देश में कोई बेघर, बेदवा, बेशिक्षा, बेरोजगार और अंधेरे में न रहे। झारखंड में हम इसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। 24x7 बिजली हमारी प्राथमिकता में है। विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात एक कर इसे पूरा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरल, सुविधा, सक्षम और सशक्त ऑनलाइन सेवाओं की शुरुआत की गयी है। केवल शुरू करने से काम पूरा नहीं होगा। ये सेवाएं सही तरीके से काम करें, इसे सुनिश्चित करें। सचिव से लेकर हर अधिकारी, कर्मचारी तकनीक का प्रशिक्षण लें। विभाग के प्रोफेशनल तरीके से चलाना होगा। उपभोक्ताओं को इनका लाभ मिले। आइटी की मदद से बिचैलिये और भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है। साथ ही जनता से सीधे जुड़ाव हो सकता है। इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि आज बिजली विभाग के लिए महत्वपूर्ण दिन है। विभाग में 493 मैनपावर की नियुक्ति हुई है। इसमें सहायक ऑपरेटर में 41, जूनियर लाइनमैन में 215, स्वीच बोर्ड ऑपरेटर में 228 तथा फिटर में नौ लोगों की नियुक्ति हुई है। 2014 में पद संभालने के बाद से हमारी सरकार ने अब तक विभाग में 2000 नियुक्ति की है। आनेवाले समय में 2200 और नियुक्तियां की जानी है। मैनपावर की उपलब्धता से विभाग के काम में तेजी आयेगी। राज्य गठन के बाद से स्थानीय नीति पर केवल राजनीति हुई है। हमारी सरकार ने स्थानीय नीति परिभाषित कर नियुक्तियों का रास्ता खोला।

अब विभागों में धीरे-धीरे मैनपावर की कमी को दूर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मित्रों को झारखंड राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से पॉस मशीन दी जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को बिल पेमेंट में आसानी हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की आधारभूत संरचना में भी राज्य काफी पीछे था। ग्रिड, सब स्टेशन, तार आदि की काफी कमी थी। हमारी सरकार ने इस पर तेजी से काम किया। आनेवाले दिनों में इसके नतीजे सामने आयेंगे। रांची में समेत अन्य शहरों में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम किया जा रहा है।

इससे लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में मदद मिलेगी। कोयला का भंडार होने के बाद भी झारखंड बिजली के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। अभी बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए हमें दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। 2021-22 तक हम झारखंड को पावर हब के रूप में विकसित करेंगे। इसी कड़ी में 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी प्लांट का शिलान्यास करेंगे। टीवीएनएल के एक्सटेंशन को भी सरकार ने मंजूरी प्रदान कर ही है। इससे 660 मेगावाट के दो प्लांट लगाये जायेंगे। इससे हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ बिजली दूसरे राज्यों को बेच सकेंगे।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ.सुनील कुमार वर्णवाल, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार, झारखंड ऊर्जा संरचरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निरंजन कुमार, विभाग के वरीय विधि सलाहकार आर0के0 जुमनानी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

ये सेवाएं हुईं लांच
सरल नाम से एक इंटरनेट आधारित मॉनिटरिंग टूल शुरू किया गया है। माध्यम से निगम के अंतर्गत चल रही परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसमें ट्रांसफर्मर रिपेयर, मेंटेनेंस, स्टोर इंवेंटरी आदि की जानकारी रहेगी। सुविधा इसमें उपभोक्ता ऑनलाइन बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दे सकेंगे। इसके साथ ही लोड परिवर्तन, नाम में सुधार आदि की सुविधा भी ऑनलाइन ही मिल जायेगी।

सक्षम बदलते तकनीकी युग में विभाग के कर्मियों की कार्यशैली में बदलाव के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत की गयी है। कौशल विकास के लिए पूरे साल का कैलेंडर तैयार किया गया है। इसी के आधार पर सभी कर्मियों को वर्तमान तकनीक की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी। कुसई कालोनी में निगम का अपना प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है। इसके अलावा 15 अन्य प्रशिक्षण केंद्र सभी विद्युत आपूर्ति अंचल में स्थापित किये जायेंगे।
सशक्त उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए एकीकृत शिकायत निवारण व पर्यवेक्षण प्रणाली शुरू की गयी है। इसमें सिंगल विंडो के माध्यम से उपभोक्ताओं की शिकायतों का पंजीकरण व समाधान किया जायेगा। फेसबुक, ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। टॉल फ्री नंबर 1912, 1800-123-8745, 1800-345-6570 पर भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।

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