प्रो सुभाष चन्द्र यादव को 2018 का विदेह पुरस्कार
रांची। झारखंड मैथिली मंच हर साल मैथिली
साहित्य में विशिष्ट योगदान देने के लिए ‘विदेह सम्मान’ देता है। वर्ष 2018 के लिए मैथिली और हिन्दी के
वरिष्ठ कथाकार, अनुवादक
और समीक्षक प्रोफेसर सुभाष चंद्र यादव को यह सम्मान देने का निर्णय आयोजन उपसमिति
(साहित्य) ने लिया है। इस सम्मान में पुरस्कार स्वरूप 35 हजार रुपए नकद और प्रशस्ति
दिया जाएगा। राजधानी के हरमु मैदान में 25 मई को आयोजित विद्यापति पर्व समारोह के
दौरान उन्हें सम्मान दिया जाएगा। सम्मान देने का निर्णय उनके उपन्यास ‘गुलो’ के आधार
पर लिया गया है। इसमें मिथिलांचल के गांवो में मजदूर वर्ग द्वारा किए जाने वाली
भाषाओं का प्रयोग और उनका सामाजिक चित्रण किया गया है। उनकी मैथिली में करीब 70 कथाएं, 30 समीक्षा और हिन्दी, बंगला
और अंग्रेजी मे अनेक अनुवाद प्रकाशित हुई है।
समारोह की तैयारी जोरों पर
समारोह की तैयारी को ले कर सदस्यगण काफी
उत्साहित हैं। क्षेत्रवार संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम 24, 25 और 26 मई है।
पहले दिन का कार्यक्रम विद्यापति दालान हरमु
में आयोजित है। यह पूर्ण रूप से साहित्यिक गतिविधियों पर केन्द्रित होगा। हरमू मैदान
में 25 और 26 मई को कार्यक्रम होगा। समारोह स्थल पर मिथिलांचल की कला संस्कृति की अद्भुत
छटा बिखरेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यापति गीत एवं
संगीत, मैथिली के आधुनिक
गीत, गजल, मिथिला के लोक
गीत, लोक नृत्य की
विशेष शैली इत्यादि की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की जाएगी। आनंद मेला में मिथिला
का खान पान पारंपरिक व्यंजन का आनंद मिलेगा। मैथिली पुस्तक मेला भी लगेगा।
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