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रिम्स: मरीज पर्ची कटाकर जांच नहीं कराये, तो पैसा वापस सीधे खाते में

रांचीरिम्स के कैश काउंटर से होनेवाली किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए अब मरीजों की जांच के बाद रिटर्न होनेवाला पैसा सीधे मरीजों के खाते में भेजा जाएगा। अगर मरीज जांच का पुर्जा कटाते हैं और किसी कारण से उनकी जांच नहीं हो पाता है, तो वापसी का पैसा उनके खाते में ही भेजा जाएगा। रिम्स प्रबंधन ने यह कदम कैश काउंटर में पिछले कई सालों से हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए उठाया है। रिम्स के कैश काउंटर में पिछले काई सालों में लाखों रुपए का कैश घोटाला हुआ है, जिसकी अब जांच चल रही है।  

कैसे हो रही थी गड़बड़ी
रिम्स के कैश काउंटर का संचालन कर रही कंपनी इंफोनेट लिंक प्रालि पर 99.42 लाख की हेराफेरी के आरोप लगे हैं। काउंटर संचालन की जिम्मेवारी कंपनी को तत्कालीन रिम्स निदेशक ने 12 जनवरी 2006 को दी थी। रिम्स में किसी भी मरीज (बीपीएल छोड़कर) को पैथोलॉजी या रेडियोलॉजी टेस्ट कराने के लिए कैश काउंटर से पर्ची कटानी पड़ती है। संबंधित विभाग कैश मेमो लेकर मरीज की जांच करता है। जांच नहीं होने पर पैसा वापस करना पड़ता है। इसी में खेल हो रहा था।

अधिक वेतन लेने के मामले में रिम्स से मांगी गई रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एनएन अग्रवाल द्वारा वेतन के रूप में लिए गए अधिक पैसे की वसूली के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में विभागीय उप सचिव ने रिम्स निदेशक को पत्र लिख पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है। बताते चलें कि रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एनएन अग्रवाल के खिलाफ बरियातू थाने में अपने वेतन मद में 8.12 लाख की गलत निकासी मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बताते चलें कि डॉ. एनएन अग्रवाल सेना से वीअारएस लेकर रिम्स निदेशक बने थे। लेकिन वे वेतन और पेंशन साथ ले रहे थे।
मांगो पर कार्रवाई नहीं होने पर रिम्स की नर्सें हुईं नाराज
रिम्स की नर्सों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव से मिला। इस दौरान नर्सों ने कहा कि उनलोगों की मांगों को पूरा करने के लिए सरकार ने तीन माह का समय लिया था। लेकिन समय बीतने के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं। रिम्स में स्टाफ नर्सों की काफी कमी है। इससे मरीजों की देखभाल में परेशानी हो रही है। इसपर निदेशक ने उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में निर्णय ले लिया जाएगा। इधर, नर्सों ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और स्वास्थ्य सचिव निधि खरे से भी मुलाकात की।

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