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राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बवंडर ने जमकर मचाई तबाही, 24 घंटे में 104 मौतें

जयपुर/लखनऊ। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बुधवार शाम आए बवंडर ने जमकर तबाही मचाई। चार राज्यों में आंधी और बारिश की वजह से 104 लोगों की जान गई। 24 घंटे में राजस्थान में 36 तो उत्तर प्रदेश में 64 लोगों की मौत हो गई। मध्यप्रदेश और बिहार में 2-2 लोगों की जान गई। 140 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। इस बवंडर की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे रही। इस दौरान कई पेड़ और बिजली के खंभे धराशायी हो गए। कई जगह सड़कों पर और रेलवे ट्रैक पर पेड़ पोल गिरने से यातायात व्यवस्था ठप रही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतों पर गहरा दुख जाहिर किया। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए संंबंधित राज्यों से तालमेल बनाएं।

उत्तर प्रदेश: सबसे ज्यादा असर आगरा में,36 मौतें
उत्तर प्रदेश में तेज आंधी और बारिश से 64 लोगों की मौत हो गई। आगरा में सबसे ज्यादा 43 लोगों की मौत हुई। राज्य में 38 लोग जख्मी हुए। अधिकारियों ने सभी प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों के परिवार को 4 लाख और घायलों को 50 हजार मुआवजा देने का ऐलान किया।

राजस्थान: सबसे ज्यादा 12 मौतें भरतपुर में
आपदा प्रबंधन के हेमंत कुमार गेरा ने बताया, "राजस्थान में 3 जिले भरतपुर, धौलपुर और अलवर सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। भरतपुर में 12, धौलपुर में 10 और अलवर में 4 मौतें हुईं। 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए।"
बीकानेर में 38 किमी घंटा की गति से चली आंधी चली। इस दौरान राज्य में 500 मीटर विजिबिलिटी रही। पारा 45 डिग्री से गिरकर 35 डिग्री पर आ गया। जयपुर में आंधी गति 18 किलोमीटर प्रति घंटा रही। आंधी से दृश्यता 500 मीटर ही रही। जयपुर में पारा 42.7 डिग्री था जो शाम को तेज हवाओं के कारण 8 डिग्री सेल्सियस कम हो गया। बुधवार को बूंदी के बाद जैसलमेर और कोटा का तापमान सबसे ज्यादा रहा। यहां 45 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया। वहीं, पिलानी में 23.7 एमएम बारिश दर्ज की गई।

वसुंधरा ने हर जरूरी मदद देने को कहा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताया है और हर जरूरी मदद देने की बात कही है। वहीं, हादसे में हुई मौतों के बाद कांग्रेस महासचिव ने अशोक गहलोत ने अपना जन्मदिन मनाने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली में भी चली आंधी, पारा गिरा
 दिल्ली के आसपास चक्रवाती हवाओं का सिस्टम बनने से बुधवार शाम मौसम अचानक बदल गया। दिनभर तेज धूप के बाद शाम 5 बजे 60 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चली। कुछ देर आंधी के बाद तेज बारिश हुई। इसके कारण फिरोजशाह कोटला मैदान पर दिल्ली डेयरडेविल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच भी देर से शुरू हुआ। आंधी-बारिश से अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस सेगिरकर 20.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। 26 जगहों पर पेड़ और दीवार गिरने की सूचना मिली। कई जगह ट्रैफिक भी जाम रहा।

इस कारण आते हैं बवंडर
ज्यादातर रेगिस्तान भूमध्य रेखा के इर्दगिर्द है। इस क्षेत्र में वायुमंडलीय दबाव बहुत अधिक होता है। यह दबाव एक सीमा से अधिक होने पर ऊंचाई पर मौजूद ठंडी शुष्क हवा जमीन की तरफ आती है। सूरज की सीधी किरणें इसे बहुत गर्म कर देती हैं। हवा में नमी नहीं होने की वजह से बारिश नहीं होती। इससे धूल के कणों की आपस में पकड़ नहीं रह पाती है। ऐसे में ये हवा के साथ बहुत आसानी से ऊपर उठना शुरू कर देते हैं। हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर से अधिक होने पर ये कण एक बवंडर का रूप धारण कर लेते हैं। बवंडर के साथ धूल के कण 10 से 50 फीट या इससे भी ज्यादा ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं।

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