अब धान और गेंहू के डंठल से चलेंगी गाडि़यां
फाईल फोटो |
हैदराबाद। अब गाडि़यां
धान और गेंहू के डंठल से तैयार 100 फीसद एथनाल पर चलेंगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग
मंत्रालय ने बजाज एवं टीवीएस को ऐसे वाहन बनाने की अनुमति दे दी है। इस पहल से देश
की तेल आयात पर निर्भरता में कमी आएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कहा कि
मैंने बजाज और टीवीएस के प्रबंधन से एथनाल चालित बाइक एवं आटो रिक्शा बनाने को कहा
है। उन्होंने बना लिया। मैं उन्हें अनुमति दे रहा हूं। आटो रिक्शा, बाइक या स्कूटर
100 फीसद जैव एथनाल पर चलेंगे।
मंत्री ने कहा
कि कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में लगे संस्थानों को जैव ईंधन जैसे विषयों को भी
उठाना चाहिए, ताकि तेल आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि धान के
डंठलों या भूसे को पंजाब और हरियाणा में जलाया जाता है। इससे दिल्ली में प्रदूषण
हो जाता है। धान के एक टन भूसे (पराली) से 280 लीटर एथनाल निकाला जा सकता है।
गडकरी
ने कहा कि हर साल 40,000 करोड़ रुपए की लकड़ी, 4000 करोड़ रुपए
की कच्ची अगरबत्तियां, 35,000 करोड़ के कागज की लुगदी और 35,000 करोड़ का अखबारी कागज आयात करते
हैं। इस तरह से लकड़ी से जुड़ा कुल आयात एक लाख करोड़ रुपए का रहता है। मंत्री ने
कहा कि सरकार ने बांस को पेड़ की श्रेणी से हटाया है। इसकी खेती को प्रोत्साहित कर
रही है, ताकि उक्त आयात में कमी लाई जा सके।
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