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नीति आयोग ने झारखंड के विकास को सराहा

  • कहा- दूसरे राज्‍यों के लिए नजीर बन रहा है झारखंड
  • पिछड़ा वर्ग के लिए भी वित्त निगम बनाया जायेगा
  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार में नंबर वन राज्य है झारखंड
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को आसानी से लोन उपलब्ध कराने के लिए आयोग, निगम आदि को वित्तीय शक्ति दी जायेगी। राज्य में आदिवासी सहकारिता निगम, अनुसूचित जाति आयोग को फंड उपलब्ध कराया जायेगा। अभी पिछड़ा वर्ग के लिए भी वित्त निगम बनाया जायेगा। इससे इन वर्ग के लोगों को छोटे-मोटे उद्योग-व्यवसाय के लिए आसान लोन मिल सकेगा। उन्हें बैंकों के चक्कर नहीं काटने होंगे। उक्त बातें उन्होंने झारखंड मंत्रालय में ट्रांसफोरमेशन ऑफ एसपिरेशनल डिस्ट्रीक्ट इन झारखंड विषय पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कही। उन्होंने कहा कि मानव सूचकांक में वृद्धि लाकर ही सच्चे अर्थों में विकास के लक्ष्य को पाना है। पिछले तीन साल में राज्य में टीम झारखंड बनाकर काफी अच्छे काम हुए हैं। उनके नतीजे भी दिखायी दे रहे हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में झारखंड काफी पीछे था। आज नीति आयोग के द्वारा तय मानकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार के मामले में नंबर वन राज्य है। शिक्षा के मानकों में भी काफी सुधार आया है। आनेवाले दिनों में इनमें और सुधार आयेगा। लोगों को छोटे-छोटे काम से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ायी जा सकती है। राज्य के अति पिछड़े छह जिलों में 30-30 महिलाओं का 10-10 समूह बनाकर उन्हें चप्पल-जूते बनाने का प्रशिक्षण और कच्चा माल दिया जायेगा। तैयार माल को वे बाजार में बेच सकेंगी। बचा माल सरकार खरीद लेगी।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आनेवाले वर्षों में दलित, आदिवासियों तथा अन्य पिछड़ा वर्ग में शिक्षा को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करना होगा। राज्य में साक्षरता दर को राष्ट्रीय औसत दर तक लाने के लिए एक क्रैश कार्यक्रम बनाना होगा। इसके साथ ही परंपरागत व्यवसायों को अधिक लाभप्रद बनाया जायेगा। झारखंड में काफी अच्छे कलाकार हैं। ये असंगठित हैं। इन्हें संगठित कर इनकी कला का बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए पर्यटन स्थलों पर हाट बनाये जा रहे हैं। इससे इन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरकार का मानना है कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए राज्यस्तरीय मिशन होना चाहिए। जो उन्हें अच्छी ऋण व्यवस्था, अच्छी विपणन व्यवस्था, तकनीक आदि योगदान देकर उनकी आर्थिक गतिविधियों में मदद दे। उपायुक्त हर सप्ताह प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा करें। नीति आयोग ने झारखंड के विकास को सराहा। कहा कि झारखंड दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रहा है।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने कहा कि झारखंड के पिछड़े जिलों का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता है। झारखंड के 24 जिलों में से 19 जिले पिछड़े जिलों की श्रेणी में शामिल हैं। नीति आयोग द्वारा पिछड़े जिलों के रूप में चिन्हित जिलों में तेज गति से विकास हो इस पर आज की बैठक में विशेष चर्चा की गई। बैठक में ट्रांसफोरमेंशन ऑफ एसपिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स की प्रगति की समीक्षा भी की गई। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों द्वारा जिलों के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। विभागीय सचिव के साथ समन्वय स्थापित कर काम किया जाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, उर्जा एवं सड़क पर सरकार का विशेष फोकस है। झारखंड वर्तमान में तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य बन कर उभर रहा है। राज्य सरकार विकास योजनाओं का कार्यान्वयन प्रतिबद्धता के साथ ससमय पूर्ण कर रही है।

बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, पुलिस महानिदेशक डीके पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, झारखंड पुलिस के आला अधिकारी, 19 जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक, नीति आयोग के संयुक्त सचिव सहित उनकी टीम तथा आला अधिकारी उपस्थित थे। 

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