रांची। राजधानी के हरमू रोड स्थित श्री
श्याम मंदिर में
चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में कोलकाता से आए कथा वाचक पंडित शिवम विष्णु पाठक ने भक्ति
के सिद्धांतों का वर्णन किया। उन्होनें बताया कि सहिष्णुता भक्त की प्रथम निशानी
है। कथा के माध्यम से भरत चरित्र का अठाईस प्रकार के नरकों का वर्णन हुआ। प्रसंगों
के बीच-बीच में श्री राधे-राधे भक्तों द्धारा रटना श्री खाटु धाम और वृंदावन धाम
की अभिभूति रांची में ही होता प्रतीत हो रहा था।
पंडित शिवम विष्णु ने गज-ग्राह का
उतम प्रसंग सुनाया। समुद्र मंथन के माध्यम से यह बताया कि बिना तपस्या के वरदान संभव
नहीं है। उन्होंने बिना विष निकले अमृत की प्राप्ति संभव नहीं है। बिना संयम के
शान्ति संभव नहीं। बिना विष निकले अमृत की प्राप्ति संभव नहीं। तृतीय दिवस की कथा
का समापन श्री वामन प्रभु के आगमन के साथ हुआ। श्रीमद् भागवत कथा सुनने शहर के गणमान्य
सहित हरि प्रसाद पेडीवाल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, रतन
सिंघानियां, श्रीमती सुषमा अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

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