एसीबी ने रिनपास के पूर्व निदेशक के घर चिपकाया नोटिस
रांची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो
(एसीबी) ने रिनपास के पूर्व निदेशक डॉ अमोल रंजन के घर पर नोटिस चिपकाया है। उन्हें सात अप्रैल को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। उपस्थित नहीं होने
पर कोर्ट के आदेश पर कुर्की जब्ती का नोटिस भी दिया जाएगा। डॉ रंजन रिनपास परिसर में
आवास संख्या ई-2 में रहते हैं। वह फरार चल रहे हैं। मंगलवार की सुबह एसीबी की टीम
रिनपास पहुंची। इसमें इंस्पेक्टर केके झा और चंतनानंद झा शामिल थे। उसे साथ रिनपास
के प्रभारी निदेशक डॉ सुभाष सोरेन और उप निदेशक गिरिजा शंंकर प्रसाद भी डॉ अमूल के घर तक
गए। इंस्पेक्टर ने उनके घर के पास नोटिस चिपकाया और उनके पत्नी से साईन भी कराया।
2015 से चल रही जांच
रिनपास के प्रभारी निदेशक पद पर डॉ अमोल रंजन की अवैध तरीके से हुई बहाली और वित्तीय अनियमितता की जांच एसीबी की टीम पिछले वर्ष 2015 से कर रही है। इस मामले में हेमंत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री
रहे राजेंद्र प्रसाद सिंह, स्वास्थ्य सचिव बीके
त्रिपाठी, रिनपास निदेशक डॉ अमोल रंजन के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई)
दर्ज कर एसीबी ने छानबीन शुरू की। जांच में गड़बडि़यां सही मिलने पर एफआईआर दर्ज
करने की कार्रवाई की गई।
ऐसे
निदेशक बने थे डॉ रंजन
वर्ष 2010 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू
ने डॉ अमोल रंजन को रिनपास का प्रभारी निदेशक बनाने अनुमति दी थी। वर्ष 2013 में एजी की आपत्ति
के बाद उन्हें पद से हटाकर डॉ अशोक कुमार नाग को निदेशक बनाया गया। हालांकि महज सात-आठ महीने में उन्हें भी पद छोड़ना पड़
गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव बीके त्रिपाठी की अनुशंसा और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह
की सहमति से डॉ रंजन को वर्ष 2014 में रिनपास का फिर
से प्रभारी निदेशक बना दिया गया गया। इसके बाद मामला निगरानी की अदालत में दर्ज कराया
गया। जानकारी हो कि डॉ नाग को पिछले दिनों एसीबी ने गिरफ्तार किया था।
सहयोग : मो अफरोज आलम
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