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सरकार ने पेश किया भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक, बढ़ेंगी माल्या, नीरव, चोकसी की मुश्किलें

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक पेश कर दिया है। अब बिना दोष सिद्ध हुए घोटाला कर देश छोड़ने वालों की सम्पति जप्त कर ली जाएगी। इस विद्येयक के आने से माल्या, नीरव, चोकसी की मुश्किलें बढ़ जाएगी। हालांकि प्रस्तावित विधेयक के कानून की शक्ल लेने के बाद यह अधिसूचना जारी होने के दिन से लागू माना जाएगा। लेकिन इसमें शामिल विभिन्न प्रावधानों के लागू होने की तिथि अलग-अलग हो सकती है। इस वजह से कानून के दायरे में पुराने भगोड़े भी आ सकते हैं। पुराने भगोड़ों में माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी और जतिन मेहता जैसे लोगों के नाम शामिल हैं। विधेयक में प्रावधान है कि आर्थिक धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को संबंधित जांच एजेंसी के सम्मुख नोटिस के छह सप्ताह के भीतर उपस्थित होना होगा। यदि हाजिर नहीं हुआ तो उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

भगोड़ा अपराधी बिल में क्या है खास
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला द्वारा पेश इस विधेयक के पारित होने के बाद बिना दोष सिद्ध हुए किसी भी भगोड़े आर्थिक अपराधी पर अभियोग चलाने के अधिकार सरकार को मिल जाएगा। इसके साथ ही अपराधी की संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। जब्ती की कार्रवाई शुरू करने से पहले अदालत की अनमुति जरूरी होगी। अगर अदालत अपराधी को भगोड़ा घोषित करती है तो उसकी संपत्ति की जब्ती का अधिकार मिल जाएगा। सरकार विदेशों में भी संपत्ति जब्त कर सकेगी लेकिन इसके लिए उसे अन्य देशों की सरकारों के साथ बात करनी होगी। यह कार्रवाई सौ करोड़ रपए या इससे ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में की जाएगी।

विधेयक में प्रावधान है कि एक सौ करोड़ रुपए या उससे अधिक की रकम की धोखाधड़ी करने के बाद अगर अपराधी फरार है या भारत में दंडनीय अभियोजन से बचने या उसका सामना करने के लिए भारत वापस आने से इनकार करता है तो उसकी संपत्ति और अपराध से अर्जित संसाधनों की कुर्की की जा सकती है। विधेयक में किसी भगोड़े आर्थिक अपराधी की कोई सिविल दावा करने या बचाव करने की हकदारी नहीं होने का भी प्रावधान है।

सीए पर सरकार की नजर 
 इस विधेयक के जरिये सरकार चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) पर भी नजर रखेगी। इसके मद्देनजर सरकार ने बड़ी कंपनियों के आडिट मानकों की देखरेख के लिए प्राधिकरण गठित करने को अपनी मंजूरी भी प्रदान कर दी है। इसके लिएनेशनल फाइनेंशियल अथारिटी का गठन किया जाएगा।

विरोध के स्वर मुखर हुए
भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक पेश होने के बाद बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद बी. महताब ने इस विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह विधेयक व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का हनन है और दोष सिद्धि के बिना किसी की भी संपत्ति जब्त करना उचित नहीं है। महताब ने कहा, ‘‘ऐसे अपराधों से निपटने के लिए पहले से ही कई कानून हैं। हमें दूसरे कानून की जरूरत क्यों है?’

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