राज्य में रेडी टू ईट कार्यक्रम को भी महिला सखी मंडल चलाएगी
दुमका। मुख्यमंत्री रघुवर
दास ने कहा कि राज्य सरकार गांव,
गरीब और किसान के समग्र विकास के लिए कृतसंकल्पित है। देश की आजादी के बाद
आदिवासी, जनजाति और गरीबों
के जीवन में अपेक्षा के अनुरूप बदलाव नहीं हो पाया है। देश में प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पिछले चार सालों में गरीबों के
जीवन स्तर में बदलाव आया है। गरीबों की सुधि ली गई है। महिलाओं को सशक्त करने के
लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री लघु उद्यमी बोर्ड का गठन किया है। अब राज्य में रेडी
टू ईट कार्यक्रम को भी महिल सखी मंडल चलाएंगी। मुख्यमंत्री गुरूवार को दुमका जिले
के सरैयाहाट हाईस्कूल मैदान में आयोजित समुदायिक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि
गांव में बेरोजगारी के मिटाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। ऐसे तीन लाख महिलाएं हैं, जिनके पास
अपनी जमीन और रोजगार नहीं है। उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है। गांव में
मधुमक्खी पालन, लाह उत्पादन, तसर उत्पादन, अंडा उत्पादन, वनोपज को बढ़ावा
देने जैसे काम किये जा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में झारखंड
में लगभग 15 लाख महिलाओं के संगठित होकर एक माह का स्वच्छता अभियान चलाये जाने की
सराहना की है। झारखंड की महिला की शक्ति को प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया के
समक्ष रखने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला संगठनों के प्रयास से यह तय
है कि 2018 तक झारखंड को खुले से शौचमुक्त (ओडीएफ) कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि
सामाजिक और आर्थिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी
सुनिश्चित करना हम सबका कर्तव्य और जिम्मेवारी है। तभी न्यू इंडिया का सपना पूरा
होगा। झारखंड सरकार भी महिलाओं को आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त करने का काम कर रही
है। राज्य की महिलाओं को छोटे-छोटे उद्योगों से जोड़ा जा रहा है। राज्य में अब रेडी
टू ईट कार्यक्रम को भी महिला सखी मण्डलों द्वारा चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा
कि बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। गरीबी मिटाने का मूलमंत्र शिक्षा है। शिक्षा से ही
विकसित एवं समृद्ध झारखंड का सपना पूरा होगा। मजबूत संगठन से ही समृद्ध समाज का
निर्माण होता है। कार्यक्रम में मंत्री महिला बाल विकास मंत्री श्डॉ लुईस मरांडी, श्रम नियोजन मंत्री राज पलिवार, कृषि मंत्री रणधीर सिंह सहित बड़ी संख्या में
घटवाल/घटवार समाज के लोग मौजूद थे।
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