एक और बैंक घोटाला, 14 बैंकों को लगी 842 करोड़ की चपत
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की ओर से किए गए
14,600 करोड़ रुपए के महाघोटाले का शोर अभी थमा भी नहीं था कि एक और
घोटाला सामने आ गया। इस बार घोटाले का मुख्य शिकार भारतीय स्टेट बैंक
(एसबीआई) बना है। चेन्नई स्थित ज्वेलरी कंपनी कनिष्क गोल्ड के मालिक ने एक
साथ 14 बैंकों को एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगाई और बाद में
विदेश फरार हो गया है।
CBI करेगी जांच
जानकारी के मुताबिक कनिष्क गोल्ड के मालिक भूपेश जैन और उनकी पत्नी नीता जैन ने एसबीआई सहित 13 अन्य बैंकों से करीब 842.15 करोड़ रुपए का लोन लिया था। एसबीआई ने सबसे ज्यादा लोन कनिष्क गोल्ड को दिया था। फिलहाल भूपेश और उसकी पत्नी फरार चल रहे हैं। बैंकों का मानना है कि दोनों इस वक्त मॉरिशस में रहते है। अब ब्याज मिलाकर के यह 1000 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है। अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। हालांकि अभी तक किसी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
ऑफिस और शोरूम बंद
बैंकों ने 5 अप्रैल 2017 को कंपनी के खिलाफ ऑडिट शुरू किया था। प्रोमोटर्स से इस दौरान संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका। 25 मई 2017 को बैंक कनिष्क के कॉरपोरेट ऑफिस में पहुंचे, लेकिन ऑफिस, फैक्ट्री और शोरूम में कामकाज पूरी तरह बंद था। उसी दिन कंपनी प्रोमोटर भूपेश कुमार जैन ने बैंकर्स को चिट्ठी लिखकर यह बात कबूल की थी कि उसने रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ और स्टॉक्स को हटाया है। वहीं, कंपनी के दूसरे शोरूम भी बंद हो चुके है।
CBI करेगी जांच
जानकारी के मुताबिक कनिष्क गोल्ड के मालिक भूपेश जैन और उनकी पत्नी नीता जैन ने एसबीआई सहित 13 अन्य बैंकों से करीब 842.15 करोड़ रुपए का लोन लिया था। एसबीआई ने सबसे ज्यादा लोन कनिष्क गोल्ड को दिया था। फिलहाल भूपेश और उसकी पत्नी फरार चल रहे हैं। बैंकों का मानना है कि दोनों इस वक्त मॉरिशस में रहते है। अब ब्याज मिलाकर के यह 1000 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है। अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। हालांकि अभी तक किसी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
ऑफिस और शोरूम बंद
बैंकों ने 5 अप्रैल 2017 को कंपनी के खिलाफ ऑडिट शुरू किया था। प्रोमोटर्स से इस दौरान संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका। 25 मई 2017 को बैंक कनिष्क के कॉरपोरेट ऑफिस में पहुंचे, लेकिन ऑफिस, फैक्ट्री और शोरूम में कामकाज पूरी तरह बंद था। उसी दिन कंपनी प्रोमोटर भूपेश कुमार जैन ने बैंकर्स को चिट्ठी लिखकर यह बात कबूल की थी कि उसने रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ और स्टॉक्स को हटाया है। वहीं, कंपनी के दूसरे शोरूम भी बंद हो चुके है।
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