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फिशरीज कॉलेज के विद्यार्थियों ने जानी केज कल्‍चर तकनीक


रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस के विद्यार्थी एजुकेशनल टूर के तहत सोमवार को पतरातू डैम का भ्रमण किया। डैम में केज तकनीक से मछली पालन की तकनीकों को सीखा। जलाशय में जल कृषि तकनीकी बिषयक स्टडी टूर में छात्रों ने केज की संरचना, उसका आकार, डबल नेट की क्वालिटी, केज निर्माण तकनीक, केज में मछली पालन की तकनीक और उसके प्रबंधन को जाना। छात्रों को केज के संचालक संजय कुमार ने मछली उत्पादन से जुडी हर तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी।
छात्रों ने जरूरत के अनुसार सीमित क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन, मौसम से बचाव की तकनीक और दवा से उपचार, केज में मछली का पालन, मछली की प्रजातियों, भोजन का प्रबंध, उत्पादन लागत और विपणन के बारे में जाना। फैकल्टी के मार्ग दर्शन में डैम के जल की गुणवत्ता की जांच की। लैब में अध्ययन के लिये जल, भोज्य पदार्थ प्लेनटन और जलीय खर- पतवार के नमूने जमा किये।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने पतरातू डैम फिशरीज सहयोग समिति के सदस्यों से मछली  पालन पर चर्चा कर तकनीकों को जाना। यह समिति 70 प्रतिशत सरकारी अनुदान से संचालित है। इसमे 50 प्रतिशत महिला सदस्य होते हैं, जो मुख्यतया मार्केटिंग का काम देखती हैं। इस स्टडी टूर फिशरीज कॉलेज की फैकल्टी श्वेता कुमारी, इरशाद अहमद, ओम प्रवेश कुमारी, सर्वेन्द्र कुमार और श्रीजीत चक्रवर्ती के मार्गदर्शन में हुआ। भ्रमण में कॉलेज के 14 छात्र और 13 छात्राएं शामिल थे। यह जानकारी सह अधिष्ठाता डॉ एके सिंह ने दी। डॉ सिंह ने बताया की टूर में भाग ले रहे सभी विद्यार्थी पहले बैच के है।

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