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टीकाकरण से नहीं हुई है नवजात की मौत : सीएस

गढ़वा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिशुओं को लगाया जा रहा टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इससे लोगों को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। उक्त बातें रविवार को सिविल सर्जन डॉ. टी हेम्ब्रम ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि रंका में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत लेकर बेवजह हंगामा किया गया। वहां नवजात की मौत टीकाकरण से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को रंका के कंचनपुर गांव स्थित मायके से सूर्य बहादुर ठाकुर की पत्नी यवंती देवी को प्रसव के लिए रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने के क्रम में रास्ते में ही प्रसव हो गया। उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था।

अस्पताल पहुंचने पर नर्स शहनाज नयन सिन्हा ने नवजात की नाड़ी काटने एवं अन्य आवश्यक कार्यों के साथ ही पोलियो ड्रॉप, हेपेटाइटिस बी व बीसीजी का टीका दिया था। जच्चा-बच्चा को स्वस्थ होने पर उसके परिजन घर लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि प्रसूता की मां के अनुसार रात में नवजात को हल्का बुखार था। सुबह उसे रंका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने के क्रम में दो बार उल्टी हुई। अस्पताल पहुंचने पर डा. संजीत आनंद ने जांच के बाद नवजात को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि परिजनों के हंगामा किए जाने के बाद उपाधीक्षक डा. एनके रजक व डब्ल्यूएचओ के डा. मृत्युंजय कुमार के साथ वह स्वयं रंका सामुदायिक केंद्र पहुंचकर पूरे मामले की छानबीन किए।

उन्होंने कहा कि उक्त नवजात को जो पोलियो ड्रॉप दिया गया था उसमें से सात अन्य बच्चों को भी पिलाया गया था। वहीं बीसीजी के वॉयल से चार बच्चों को तथा हेपेटाइटिस बी के वॉयल से तीन बच्चों को टीकाकरण किया गया था। लेकिन कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि उक्त वॉयल को जब्त कर लिया गया है। जरूरत पड़ने पर जांच के लिए भेजा जाएगा ¨कतु प्रथम ²ष्ट्या वॉयल हर तरह से सही है। उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिवर्ष 40 हजार बच्चों को टीकाकरण किया जाता है। इस तरह के अफवाह से टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सरकारी टीकाकरण हर तरह से सुरक्षित है। इससे भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। मौके पर डीएस डॉ. एनके रजक, डब्लयूएचओ के डा. मृत्युंजय व डीपीएम आशुतोष मिश्रा उपस्थित थे।

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