बिकाऊ है रेलवे की 12066 एकड़ जमीन
इसमें लिखा गया है, सभी मामलों में जमीन के लिए भुगतान की जाने वाली राशि हस्तांतरण के दौरान बाजार मूल्य के बराबर होगी। जमीन की अदला-बदली के तहत इन जमीन को राज्य सरकार को भी सौंपा जा सकता है जो रेलवे के लिए बराबर कीमत आधार पर उपयोगी होंगी। रेलवे ने कहा कि इनमें से अधिकतर जमीन को इसने संपर्क बढ़ाने के लिए अधिग्रहित की थी। इसमें कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में मीटर या नैरो गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तन हुआ है वैसे स्थानों पर नैरो गेज या मीटर गेज के जिस सेक्शन को परित्यक्त छोड़ दिया गया है वे अनुपयुक्त रह गए हैं।
पत्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और असम में सौ वर्षों से ज्यादा समय से रेलवे के पास कुछ जमीन है। सूत्रों का कहना है कि अगर राज्य सरकार ने अपने निर्धारित क्षेत्रों में इन जमीन का उपयोग करने का निर्णय किया तो रेलवे को हजारों करोड़ रपए की आमदनी होगी। बोर्ड ने राज्यों से कहा है कि वे अपना प्रस्ताव मंडलीय रेल प्रबंधक को भेजें, अगर उन्हें इस तरह के जमीन की जरूरत है।
No comments