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एकजुट हो रहे पत्रकार, महाधरना 14 मई को


रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग पर पत्रकार एकजुट हो रहे है। राजधानी रायपुर में 14 मई को महाधरना होना है। आंदोलन में प्रदेश भर के पत्रकार एकत्रित हो, इसकी तैयारी के लिए बैठक रायपुर में हुई। वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय, राजकुमार सोनी शामिल हुए और आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की।

छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर हो हमले और दर्ज हो रहे फर्जी मुकदमो को लेकर सभी पत्रकार चिंतित हैं। बीते दिनों रायगढ़, बलरामपुर में पत्रकारों के खिलाफ आनन-फानन में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया था। पत्रकारों का पक्ष तक नहीं लिया। ऐसे अनेकों मामले है, जो पत्रकारों पर दबाव बनाने के लिए दर्ज किए गए। कराए जाते हैं। ऐसे प्रकरणों पर अंकुश लगाने के लिए पत्रकार अब निर्णायक आंदोलन के लिए बाध्य हैं। इसके मद्देनजर ही 14 मई को धरना देकर पत्रकार अपनी मांग रखेंगें। इसमें सभी जिलों से पत्रकारों के रायपुर पहुंचने की सूचना मिल रही है।

बस्तर कांकेर के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर सोशल मीडिया में कार्टून शेयर करने के चलते राजद्रोह की धारा के तहत एफआईआर होने की सूचना के बाद से पत्रकारों ने बड़े स्तर पर इसका विरोध दर्ज कराने का फैसला कर लिया था। इस आंदोलन की मुख्य वजह यही है। इसके बाद सोशल मीडिया में 14 तारीख को आंदोलन की सूचना और पत्रकारों को शामिल होने की अपील की जाने लगी थी। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के आंदोलन को देश, प्रदेश के कई विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून को अनिवार्य माना है, ताकि पत्रकार निर्भीकता से समाचार संकलन और प्रकाशन कर पाएं।

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