28 मार्च को आदिवासी आक्रोश रैली को सफल बनाने के लिए विचार विमर्श
जगन्नाथपुर। भारत माता कन्या मंङप में आदिवासी हो समाज युवा महासभा की बैठक हुई । इसका अध्यक्षता अनुमंङल अध्यक्ष मंजीत कोड़ा व प्रखंङ अध्यक्ष नरकांत कोड़ा ने संयुक्त रुप से किया । बैठक में कुड़मी , महतो व तेली आदि को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के समर्थन में 40 विधायक व 2 सांसद में 7 विधायक आदिवासी हस्ताक्षर किया है। जिसका विरोध में आगामी 28 मार्च को विशाल आदिवासी आक्रोश रैली गांधी मैदान चाईबासा में आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विचार विमर्श किया गया।
केंद्रीय उपाध्यक्ष सह प्रभारी भूषण लागुरी ने संबोधित करते हुए कहा कि कुड़मी को आदिवासी की सूची में शामिल करने की यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक साजिश है । कहीं न कहीं आरक्षण को समाप्त प्रयास है । केंद्रीय महासचिव सोमा कोड़ा ने कहा कि कुड़मी, महतो व तेली न कभी आदिवासी था और न कभी आदिवासी बनने देगें । प्रस्ताव निरस्त करने तक सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में तय किया गया कि समाज के बुद्धिजीवी , पंचायत प्रतिनिधि, मुंङा मानकी, रैली में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता रहे । बैठक में अनुमंङल संगठन सचिव बिरेंद्र बालमुचू , अनुमंङल अध्यक्ष मंजीत कोड़ा, नोवामुंङी सचिव शंकर चातोम्बा, ज्वाला कोड़ा, विपिन हेमबरम, रामेश्वर देवगम, नाजीर तिरिया, रमेश तिरिया, किशोर सिंकु, सोमनाथ सिंकु मुंङा , सुभनाथ कोड़ा, मंगल कोड़ा , रमेश तिरिया आदि उपस्थित थे ।
केंद्रीय उपाध्यक्ष सह प्रभारी भूषण लागुरी ने संबोधित करते हुए कहा कि कुड़मी को आदिवासी की सूची में शामिल करने की यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक साजिश है । कहीं न कहीं आरक्षण को समाप्त प्रयास है । केंद्रीय महासचिव सोमा कोड़ा ने कहा कि कुड़मी, महतो व तेली न कभी आदिवासी था और न कभी आदिवासी बनने देगें । प्रस्ताव निरस्त करने तक सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में तय किया गया कि समाज के बुद्धिजीवी , पंचायत प्रतिनिधि, मुंङा मानकी, रैली में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता रहे । बैठक में अनुमंङल संगठन सचिव बिरेंद्र बालमुचू , अनुमंङल अध्यक्ष मंजीत कोड़ा, नोवामुंङी सचिव शंकर चातोम्बा, ज्वाला कोड़ा, विपिन हेमबरम, रामेश्वर देवगम, नाजीर तिरिया, रमेश तिरिया, किशोर सिंकु, सोमनाथ सिंकु मुंङा , सुभनाथ कोड़ा, मंगल कोड़ा , रमेश तिरिया आदि उपस्थित थे ।
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