तीन से चार साल में मिट्टी जांच कराने की सलाह
लोहदरगा। रांची के बिरसा कृषि विवि
के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के वैज्ञानिकों ने जिले के चंद्रसालो में प्रशिक्षण
का आयोजन किया। विभाग के मुख्य वैज्ञानिक डॉ बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम
में कौआखाप, चंद्रसालो, कोकर, हेन्नला,
चीनाकोनी आदि गांव के किसानों ने भाग लिया। डॉ अग्रवाल ने किसानों से
हर तीन-चार साल में मिट्टी की जांच कराने की अपील की। उन्होंने मिट्टी में पोषक तत्वों
की कमी और उसे दूर करने के उपाए बताए। परियोजना पदाधिकारी सह मृदा वैज्ञानिक
डॉ शशि भूषण कुमार खेतों में चूना के साथ-साथ गोबर खाद, केंचुआ खाद,
नीम या करंज खल्ली, जैविक खादों के उपयोग पर जोर
दिया। उन्होंने बताया कि समेकित पोषक तत्वों का प्रबंधन आज की खेती के लिए बहुत जरूरी
है।
पौधा रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार वर्णवाल ने कहा कि पोषक तत्वों की कमी से फसलों में होने वाली बीमारी की जानकारी दी। उसे दूर करने के उपाए बताए। किसानों को बिरसा कृषि डायरी भी दिया गया, ताकि किसान उसका उपयोग कर वैज्ञानिक ढंग से खेती कर सके। मौके पर राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किसान अखिलेश कुमार, पंचायत समिति सदस्य अनुप मुंडा, उप मुखिया सरिता देवी, वार्ड सदस्य जयराम उरांव, जय शंकर सिंह, बिंदेश्वर भगत, दशरथ उरांव, करमदयाल उरांव, कामेश्वर उरांव, चाराम उरांव, सूर्यनारायण साहू आदि किसानों ने सहयोग किया। कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में विभाग के अध्यक्ष डॉ डीके शाही का योगदान रहा।
पौधा रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार वर्णवाल ने कहा कि पोषक तत्वों की कमी से फसलों में होने वाली बीमारी की जानकारी दी। उसे दूर करने के उपाए बताए। किसानों को बिरसा कृषि डायरी भी दिया गया, ताकि किसान उसका उपयोग कर वैज्ञानिक ढंग से खेती कर सके। मौके पर राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किसान अखिलेश कुमार, पंचायत समिति सदस्य अनुप मुंडा, उप मुखिया सरिता देवी, वार्ड सदस्य जयराम उरांव, जय शंकर सिंह, बिंदेश्वर भगत, दशरथ उरांव, करमदयाल उरांव, कामेश्वर उरांव, चाराम उरांव, सूर्यनारायण साहू आदि किसानों ने सहयोग किया। कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में विभाग के अध्यक्ष डॉ डीके शाही का योगदान रहा।


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