कोयला में संयुक्त आंदोलन के पक्ष में इंटक
रांची। कॉमर्शियल
माइंनिंग की इजाजत देने के खिलाफ राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) संयुक्त
आंदोलन के पक्ष में है। फेडरेशन की 19 मार्च को नई दिल्ली में हुई स्टेरिंग
कमेटी की बैठक में यह विचार उभरे। फेडरेशन की बैठक राजेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता
में हुई। इसमें इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जी संजीवा रेड्डी भी मौजूद थे।
मौके पर केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ आंगे के आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई।
लंबी चर्चा के बाद डॉ रेड्डी ने कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ने पर
जोर दिया। इस बारे में अन्य केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि से बात करेंगे।
फेडरेशन की बैठक में हुई चर्चा से उन्हें अवगत कराएंगे।
सदस्यों का कहना था कि
कोल इंडिया और एससीसीएल के चार लाख कामगारों के अस्तित्व को बचाने के लिए यह
जरूरी है। इस अवसर पर एसक्यू जामा, ओपी लाल, मन्नान मलिक,
बिजेंद्र सिंह, ललन चौबे, सर्वेश प्रसाद, चंंडी बनर्जी, गणेश रॉय, श्यामल सरकार, संतन सरकार, सौभाग्य प्रधान, आरजी मोहंती, नदीम जामा, पीके रॉय, पार्थ रॉय, मिथलेश कुमार िसिंह, ओपी मालवीय, बिरेंद्र सिंह विष्ठ, संतोष महतो सहित स्टेयरिंग कमेटी के अन्य सदस्य मौजूद थे। जानकारी
हो कि बीएमएस, एचएमएस, सीटू और एटक ने
सरकार के फैसले के खिलाफ 16 अप्रैल को एक दिनी हड़ताल का निर्णय लिया है। हड़ताल
का नोटिस भी 14 मार्च को दे दिया है। इससे पहले इंटक की आसनसोल में हुई बैठक में
हड़ताल में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया गया था। नैतिक समर्थन करने पर सहमति
बनी थी।

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