पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान की समीक्षा बैठक
देवघर। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में पल्स पोलियो उन्मूलन अभियान, स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त द्वारा आगामी 11-13 मार्च 2018 को जिले में आयोजित होने वाले पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न लक्ष्यों की पूर्ति हेतु दिशा-निर्देश भी दिया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि उनके द्वारा सभी प्रखण्डों के एम0ओ0आई0सी0 से समन्वय स्थापित कर पल्स पोलियो टीकाकरण से संबंधित प्रशिक्षण का कार्य करायें। इसके लिए उन्होंने सभी का अलग-अलग दायित्व निर्धारित किये जाने निर्देश दिया।
उपायुक्त ने कहा कि पोलियो टीकाकरण हेतु बनाये गये सभी बूथों पर निर्धारित समयावधि में एवं उसके अगले दो दिनों में डोर-टू-डोर जाकर 0-5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जायेगी, परन्तु यह आवश्यक है कि सभी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन उचित ढंग से करें एवं यह प्रयास करें कि 0-5 वर्ष तक का एक भी बच्चा पोलियो की खुराक लेने से वंचित न रह जाय। इसके अलावा उनके द्वारा निर्देश दिया गया कि पल्स पोलियो अभियान हेतु सभी बूथों पर ससमय पर्याप्त मात्रा में दवा आदि उपलब्ध करा दिया जाय, ताकि सुचारू रूप से पल्स पोलियो टीकाकरण का कार्य किया जा सके।
साथ हीं उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि राष्ट्रीय वैक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत आगामी 22 से 24 मार्च, 2018 को जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, जिसके अन्तर्गत लोगों को डी0ई0सी0 की दवा दी जायेगी। ताकि उनका फाइलेरिया से बचाव किया जा सके। उनके द्वारा बतलाया गया कि सामान्यतः फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में हीं हो जाता है। परन्तु बहुत वर्षों तक इसका किसी भी प्रकार का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है जिससे लोगों को शुरूवाती दिनों में इस बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाता है। यह बीमारी मुख्यतः मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है एवं एक स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति के शरीर में भी फाइलेरिया परजीवी उपस्थित हो सकते हैं। अतः ऐसे में आवश्यक है कि गर्भवती माता, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, वृद्ध व्यक्ति एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर अन्य सभी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा लें, ताकि उनके खून में उपस्थित फाइलेरिया के माईक्रोब को खत्म किया जा सके।
उपायुक्त द्वारा डयारिया उन्मूलन हेतु रोटा वायरस वैक्सीन की जानकारी देते हुए कहा गया कि पूरे भारत वर्ष में डायरिया से काफी संख्या में बच्चों की मौत होती है। ऐसे में आवश्यक है कि बच्चों को रोटा वायरस भैक्सिन दिया जाय, ताकि उनका बचाव डायरिया से किया जा सके। साथ हीं उनके द्वारा बतलाया गया कि रोटा वायरस वैक्सीन के तहत् बच्चों को ओरल ड्राॅप के रूप में 2.5 मी0 ली0 दवा पिलायी जायेगी। इसके अलावा उनके द्वारा सिविल सर्जन को निदेशित किया गया कि उपरोक्त टीकाकरण हेतु रणनीति बनाते हुए प्रशिक्षण दिये जायें एवं अन्य संबंधित कार्य ससमय पूर्ण कर इसे नियमित टीकाकरण हेतु लागू किया जाय।
साथ हीं उपायुक्त द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि इसके तहत् सभी सरकारी व निजी अस्पतालों व स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में गर्भवती महिलाओं के गर्भ, हिमोग्लोबिन, स्वास्थ्य आदि की निःशुल्क जाँच की जायेगी। इसके अलावा उनके द्वारा बैठक में उपस्थित सभी एम0ओ0आई0सी0 से जानकारी ली गई कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मुहैया कराने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है या नहीं, यदि इस प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो सिविल सर्जन से समन्वय स्थापित कर उसका समाधान करने का निदेश दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, विभिन्न चिकित्सकगण आदि उपस्थित थें।
उपायुक्त ने कहा कि पोलियो टीकाकरण हेतु बनाये गये सभी बूथों पर निर्धारित समयावधि में एवं उसके अगले दो दिनों में डोर-टू-डोर जाकर 0-5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जायेगी, परन्तु यह आवश्यक है कि सभी अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन उचित ढंग से करें एवं यह प्रयास करें कि 0-5 वर्ष तक का एक भी बच्चा पोलियो की खुराक लेने से वंचित न रह जाय। इसके अलावा उनके द्वारा निर्देश दिया गया कि पल्स पोलियो अभियान हेतु सभी बूथों पर ससमय पर्याप्त मात्रा में दवा आदि उपलब्ध करा दिया जाय, ताकि सुचारू रूप से पल्स पोलियो टीकाकरण का कार्य किया जा सके।
साथ हीं उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि राष्ट्रीय वैक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत आगामी 22 से 24 मार्च, 2018 को जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, जिसके अन्तर्गत लोगों को डी0ई0सी0 की दवा दी जायेगी। ताकि उनका फाइलेरिया से बचाव किया जा सके। उनके द्वारा बतलाया गया कि सामान्यतः फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में हीं हो जाता है। परन्तु बहुत वर्षों तक इसका किसी भी प्रकार का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है जिससे लोगों को शुरूवाती दिनों में इस बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाता है। यह बीमारी मुख्यतः मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है एवं एक स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति के शरीर में भी फाइलेरिया परजीवी उपस्थित हो सकते हैं। अतः ऐसे में आवश्यक है कि गर्भवती माता, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, वृद्ध व्यक्ति एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर अन्य सभी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा लें, ताकि उनके खून में उपस्थित फाइलेरिया के माईक्रोब को खत्म किया जा सके।
उपायुक्त द्वारा डयारिया उन्मूलन हेतु रोटा वायरस वैक्सीन की जानकारी देते हुए कहा गया कि पूरे भारत वर्ष में डायरिया से काफी संख्या में बच्चों की मौत होती है। ऐसे में आवश्यक है कि बच्चों को रोटा वायरस भैक्सिन दिया जाय, ताकि उनका बचाव डायरिया से किया जा सके। साथ हीं उनके द्वारा बतलाया गया कि रोटा वायरस वैक्सीन के तहत् बच्चों को ओरल ड्राॅप के रूप में 2.5 मी0 ली0 दवा पिलायी जायेगी। इसके अलावा उनके द्वारा सिविल सर्जन को निदेशित किया गया कि उपरोक्त टीकाकरण हेतु रणनीति बनाते हुए प्रशिक्षण दिये जायें एवं अन्य संबंधित कार्य ससमय पूर्ण कर इसे नियमित टीकाकरण हेतु लागू किया जाय।
साथ हीं उपायुक्त द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि इसके तहत् सभी सरकारी व निजी अस्पतालों व स्वास्थ्य उपकेन्द्रों में गर्भवती महिलाओं के गर्भ, हिमोग्लोबिन, स्वास्थ्य आदि की निःशुल्क जाँच की जायेगी। इसके अलावा उनके द्वारा बैठक में उपस्थित सभी एम0ओ0आई0सी0 से जानकारी ली गई कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मुहैया कराने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है या नहीं, यदि इस प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो सिविल सर्जन से समन्वय स्थापित कर उसका समाधान करने का निदेश दिया गया। बैठक में सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, विभिन्न चिकित्सकगण आदि उपस्थित थें।

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