बच्चों के साथ जघन्य कृत्य करने वाले मिले मौत की सजा
- कठुआ दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई जांच हो : अभाविप
श्री सिंह ने कहा कि इस मामले में कठुआ क्षेत्र
की जनता शुरू से ही विस्तृत जांच की मांग कर रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने जिस
तरह इस मामले में लापरवाही बरती और कश्मीर की क्राइम ब्रांच को इसे सौंप दिया, वह कई प्रश्न खड़े
करता है। दोषियों को पकड़ने के साथ ही यह भी सरकार की जिम्मेदारी है कि किसी
निर्दोष व्यक्ति को और सामान्य जनता को प्रताड़ित नहीं करें। किन्तु इस मामले में
क्राइम ब्रांच के आते ही सामान्य लोगों को प्रताड़ित किया गया। घटनास्थल को नई चार्जशीट में गौशाला से देवस्थान
बताकर इसका सांप्रदायिक दृष्टिकोण स्थापित किया गया। इससे असली घटनाक्रम पर संशय
बढ़ गया। कठुआ में सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ। जनवरी में हुई इस शर्मनाक घटना पर अचानक
अप्रैल में देश भर में राजनैतिक रोटियां सेकी जा रही है। जानबूझकर इसे
साम्प्रदायिक रंग देकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। यह निंदनीय
है। दोषियों को सजा दिलाने और सच उजागर करने के लिए मामले की सही तहकीकात होना और
समयबद्ध रूप में होना नितांत आवश्यक है।
प्रदेश कार्यालय मंत्री दीपेश कुमार ने कहा कि अभाविप
का स्पष्ट मत है कि ऐसे जघन्य कृत्य करने वाले अमानवीय लोगों को मौत की सजा दी
जानी चाहिए। देश में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार और समाज को गहन चिंतन
करनी चाहिए। बलात्कार पर कड़े क़ानून और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित होना चाहिए। साथ ही, समाज में वृहत्त
स्तर पर महिला विरोधी हिंसा के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता
है।
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