डायरिया से पीड़ित बच्चों की देखभाल मां की तरह करें : सीएम
- विश्व स्वास्थ्य दिवस पर रोटावायरस वैक्सीन कार्यक्रम का शुभारंभ
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा
कि झारखंड को शिक्षित, स्वस्थ और सुखी बनाना है। इसके लिए
सरकार काम कर रही है। शिक्षित होने पर ही स्वस्थ झारखंड होगा। स्वथ्य झारखंड से ही
सुखी झारखंड बनेगा। मानव संसाधन सबसे बड़ी पूंजी है। जानकारी और इलाज के अभाव में
किसी की मौत न हो,
इसका प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए
हर किसी को मिलकर अपना काम ईमानदारीपूर्वक करना होगा। किसी की जिंदगी बचाने से जो
सुकून मिलेगा,
उसका कोई मोल नहीं लगाया जा सकता। श्री
दास सात अप्रैल को रांची स्थित रिम्स सभागार में विश्व स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित
रोटावायरस वैक्सीन कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर बोेल रहे थे। उन्होंने बच्चे
को रोटावायरस ड्रॉप पिला कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
सीएम ने कहा कि झारखंड देश के चुनिंदा
राज्यों में शामिल हो गया है, जहां रोटावायरस को नियमित टीकाकरण
कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे राज्य में हर साल डायरिया से होनेवाले 2,500 बच्चों की अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है।
यह पुण्य का काम है। सहिया और ग्राम सभा समिति की सदस्य डायरिया से पीड़ित बच्चों
की देखभाल मां की तरह करें। इससे शिशु मृत्युदर को कम किया जा सकेगा। टीकाकरण
कार्यक्रम को जन आंदोलन के रूप में बदलना होगा। तभी सफलता मिलेगी। केवल सरकार के बल पर यह संभव
नहीं हो पायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में
कुपोषण भी बड़ी समस्या है। इसे खत्म करने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
निमोनिया और कुपोषण के बाद डायरिया ही बच्चों में मौत का सबसे बड़ा कारण है। नवजात
से लेकर पांच साल तक के बच्चों को रोटावायरस ड्रॉप देकर डायरिया से बचाया जा सकता
है। बरसात के समय डायरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप रहता है। इसके प्रति लोगों को
जागरूक करना भी एक महत्वपूर्ण काम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़े हुए झारखंड
में सुधार के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। कार्यक्रम में अच्छा काम
करनेवाली सहिया को सम्मानित किया गया। इस दौरान सांसद रामटहल चैधरी, विधायक डॉ जीतूचरण राम, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती निधि
खरे, एनएचएम के अभियान प्रमुख कृपानंद झा, झारखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर
समेत अन्य मौजूद थे।
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