ग्रामीण बैंकों की देशव्यापी हड़ताल से झारखंड प्रभावित
रांची। ग्रामीण
बैंको की तीन तीन दिवसीय हड़ताल 26 मार्च से शुरू हई। पहले दिन झारखंड ग्रामीण बैंक
के प्रधान कार्यालय सह क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष अधिकारी और कर्मचारियों ने धरना
दिया। प्रदर्शन कर नारेबाजी की। झारखंड ग्रामीण बैंक इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव दिवाकर बनर्जी ने दावा किया कि हड़ताल
से पूरे राज्य की 240 शाखाओं मे कामकाज प्रभावित रहा। अगले दो दिन भी
संघर्ष के तहत बैंको की सभी शाखाएं बंद रहेगी।
झारखंड ग्रामीण बैंक
इंप्लाईज एसोसिएसन के महासचिव नवल किशोर वर्मा और झारखंड ग्रामीण बैंक अधिकारी संघ
के महासचिव दीपक बेउरा ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ हमारी अपनी मांगो के लिए नहीं है। सरकार
द्वारा ग्रामीण बैंको के निजीकरण से आम जनता, गरीब किसान और छोटे व्यापारियों पर होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के लिए भी
है। उन्होंने सभी ग्राहकों से भी अनुरोध किया कि हड़ताल में सर्मथन करें। उन्हें
होने वाली असुविधाओं के लिए खेद भी जताया।
इस धरना-प्रदर्शन
में तीनों संगठन के पदधारी सहित रांची के एमएल सिंह, एबी शुक्ला दास, आरके सिंह, दीपक कुमार,
आरके सहाय, ओपी गुप्ता, बिनोद कुमार,
सतीश तिग्गा, सिंहभूम से अरुण शर्मा, गौरव सिंह,
राजेश बड़ाइक, सुनील दास, मुकेश लाल,
दयाराम रजक, असलम हुसैन, हजारीबाग से दिनेश महतो भी मौजूद थे।
ये हैं मांगें
बैंकिंग
पेंशन-पीएफ समानता, ग्रामीण बैंको के निजीकरण का विरोध, मृतक आश्रितो को नौकरी दे, कंप्यूटर वेतनवृद्धि, सेवाशर्तों की समानता, पदोन्नति नीति में समानता, गेच्युटी कैलकुलेशन महंगाई भत्ते के साथ (अधिकारी वर्ग
में), दैनिक वेतनभोगी अस्थाई स्टाफ का नियमतिकरण, सफाई कर्मचारियों के वेतन में समानता, आईबीए की तरह वार्ता मंच हो, नोटबंदी की अवधि का ओवरटाइम भुगतान हो।


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