शिक्षकों की समस्या पर मुख्यमंत्री से मिलेगा शैक्षिक महासंघ
रांची। झारखंड प्रदेश
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा संवर्ग की प्रान्तीय बैठक रांची
विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र में डॉ बृज कुमार मिश्रा की अध्यक्षता
में रविवार को हुई। इसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उच्च शिक्षा
प्रभारी महेन्द्र कुमार (वाराणसी) भी मौजूद थे। तय हुआ कि शिक्षकों की समस्या के निराकरण
के लिए मुख्यमंत्री से मिला जाएगा।
श्री महेन्द्र ने कहा
कि अपना संगठन शिक्षा की गुणवत्ता के साथ शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव
प्रयासरत हैं। हमारे पाठ्यक्रमों में भारतीयता झलकना चाहिए, नहीं तो हम महाविद्यालयीन
विधार्थियों में देशभक्ति और सामाजिक दायित्वों का भाव भर नहीं सकते। उन्होंने कहा
कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में संगठन की मासिक और प्रांतीय बैठक तीन माह पर करना
चाहिए।
मौके पर शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा
हुई। इसमें प्रोन्नति, एजीपी और पीएचडी इंक्रीमेंट का
लाभ, अर्जित अवकाश बिहार की तर्ज
पर 12 दिन करने, सभी शिक्षकों के एरियर का
भुगतान यथाशीघ करने, यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद 2+2+1
वर्षों तक सेवा विस्तार देने, संविदा पर बहाल
शिक्षकों को कम से कम 60 कक्षाओं को करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने, परीक्षा और अन्य शैक्षणिक काम
भी उनके सेवा में जोड़ने,
बायोमेट्रिक उपस्थिति
के संबंध में एकरूपता लाते हुए शोध और शैक्षणिक काम नहीं होने संबंधी स्पष्ट दिशा
निर्देश जारी करने, विश्वविद्यालय की स्वायत्तता
अक्षुण्ण रखने के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन करने, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की स्थायी
नियुक्ति करने आदि था।
बैठक में सिद्धो
कान्हो मूर्मू विश्वविद्यालय के डॉ अजय सिन्हा, डॉ महेश्वर गोइत, डॉ संजय प्रियंबद, डॉ प्रसेनजीत मुखर्जी, डॉ राजीव रंजन, नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के डॉ बीके मिश्रा, रांची विश्वविद्यालय के डॉ
अशोक चौधरी, डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ सुनीता कुमारी गुप्ता, डॉ ज्योति प्रकाश, डॉ शशि गुप्ता, डॉ केके पोद्दार, डॉ नम्रता सिन्हा, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ मनोज कुमार,
डॉ कंजीव लोचन सहित
कई शिक्षक उपस्थित थे।
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