अंचलकर्मियों की मिलीभगत से जमीन की हो रही हेरा-फेरी
लोहरदगा। जिले में अंचलकर्मियों की मिलीभगत
से जमीन की हेराफेरी हो रही है। बताया जा रहा है कि एक वृद्ध से दवा और ईलाज कराने
के नाम पर मात्र 800 रूपए देकर गलत तरीके से 55 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कर ली गई।
मामला सदर थाना क्षेत्र के जुरिया गांव का है। ऐसा करने का आरोप वार्ड सदस्य अख्तर
अंसारी पर लगा है।
मामला ग्रामीण 81 वर्षीय वृद्ध सोहराई
यादव से जुड़ा है। बताया जाता है कि ईलाज-दवा, कंबल, लाल कार्ड, राशन आदि के नाम पर उनसे जमीन लिखवा लिया गया। उक्त
जमीन को दो औरतों के नाम साढ़े सताईस-साढ़े सताईस डिसमिल दस-दस लाख का पट्टा
खुशनसीबा पति आबिदा हुसैन स्टार कलोनी लोहरदगा और बिहार गया के चातर घाट निवासी
तैएबा खातून के नाम कर दिया गया है। भुक्तभोगी सोहराई के अलावे, सगा
भाई मनेश महतो, पुत्र अगस्तदेव महतो, संदीप
महतो, नागदेव महतो सहित अन्य ने वार्ड पार्षद और विश्वनाथ
लकड़ा पर आरोप लगाते हुए सदर प्रखंड अंचलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया
है।
मनेश महतो ने बताया कि जानकारी होने पर 9 जनवरी 2018 को मोटेशन रोकने के संबंध
में सीओ को लिखित आवेदन दिया गया। इसके बाद भी 20 जनवरी को उक्त जमीन का मोटेशन कर
दिया गया। इसके बाद 16 मार्च और 2 अप्रैल को मामले के संदर्भ में एसपी को लिखित
आदेवन दिया गया। अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि
भुक्तभोगी सोहराई यादव दमा आदि रोग से ग्रसित है। परिवार की इतनी आमदनी नहीं है कि
वे दवा करा सकें। इसकी जानकारी होने पर गांव के वार्ड पार्षद और गांव के कुछ लोगों
ने सरकार से पैसे दिलाने, दवा कराने,
कंबल देने के नाम पर हाथ का ठप्पा लेते
हुए धोखाधड़ी कर जमीन पर कब्जा कर लिया। जमीन के कारोबार में जुरिया पंचायत मुखिया
रमेश उरांव के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं। मुखिया का कहना है कि मुझे कुछ नही मालूम
है। न ही वंशावली में मेरा हस्ताक्षर स्टाम्प है। परिवार के लोगों द्वारा श्री अख्तर
से बात करने पर उन्होंने कहा कि जमीन के बदले श्रीसोहराई को 20 लाख रुपये दिए गए हैं।
सोहराई यादव |
सोहराई यादव कहते हैं कि श्री अख्तर ने दवा के नाम पर सरकार से हर महीने पैसा
मिलेगा, यह कहते हुए और ठेपा ले लिया। कहा कि हाकिम के
पूछने पर कहना पैसा मिल गया। और मात्र 800 रुपया दिया। परिवार वालों ने कहा कि
मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक लोहरदगा को दो-दो बार आवेदन दिया गया है। अब तक कोई
करवाई नही हुई है। उन्होंने कहा कि जमीन खरीद बिक्री में वार्ड सदस्य, डीलर, रजिस्ट्री ऑफिस से लेकर अंचलकर्मियों तक की संलिप्ता
है। ट्रेजरी ऑफिस के कर्मी ने भुक्तभोगी के घर जा कर राशन, दवा आदि मिलने की जानकारी ली है। उधर न्याय
पाने के लिये परिजन मुख्यमंत्री जन संवाद, कोर्ट
आदि जाने की बात कही। इस मामले में राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने भी संज्ञान लिया
है। अंचलकर्मी को फटकारा है।
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