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पैसे की लालच में अल्ट्रासाउंड का हो रहा दुरुपयोग

  • जांच की खानापूर्ति करने वाले कर्मी सीधे जाएंगे जेल: सचिव
  • अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स को हर माह भरना होगा ऑनलाईन फॉर्म
रांची। राज्य के अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स की ऑनलाईन निगरानी होगी। इसकी जांच की खानापूर्ति करने वाले कर्मी सीधे जेल जाएंगे। उक्त बातें प्रधान स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कही। उन्होंने पांच अप्रैल को राजधनी के नामुकम स्थित आईपीएच सभागार में PCPNDT Website (गरिमा झारखंड) की लांचिंग की। उन्होंने कहा कि वेबसाइट से सभी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स पर हो रहे अल्ट्रासाउंड की निगरानी की जा सकेगी। अब सभी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स को प्रत्येक माह दिये जाने वाले फॉर्म को ऑनलाईन भरना है। ठसका जिला और राज्य स्तर पर निरीक्षण होगा। वेबसाइट से आम जनता को एक्ट संबंधी प्रावधानों और नियमों की जानकारी मिलेगी। वे एक्ट के उल्लंघन संबंधी सूचना जिला समुचित प्राधिकारी और राज्य समुचित प्राधिकारी को दे पाएंगे।  यह कदम अधिनियम को और प्रभावी ढ़ग से लागू करने के लिए है।
सचिव ने सभी सिविल सर्जन को अधिनियम का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने झारखंड के गिरते लिंगानुपात को लेकर चिंता जताई। कहा कि शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) में भी लगातार गिरावट हो रही है। यह समस्या केवल शहरी क्षेत्र ही नहीं ग्रामीण परिवेश वाले जिलों में भी है। सचिव ने कहा कि अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इनकी सशक्त जांच नही हो रही है। जिससे पैसे की लालच में इसका दुरूपयोग हो रहा है। उन्होंने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि अपने जिलों के सभी अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों की लगातार जांच करें। खानापूर्ति करने का प्रयास नहीं करें। दोषी पाये जाने पर किसी भी पदाधिकारी अथवा कर्मी को छोड़ा नही जायेगा, बल्कि उनको सीधे जेल भेजा जायेगा।
सचिव ने कहा कि जिला स्तर पर सिविल सर्जन और अन्य पदाधिकारी उक्त वेबसाइट का संचालन कर सकते है। अपने जिलों में स्थित अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। क्लिनिक में किस चिकित्सक द्वारा सेवा दी जा रही है, एक चिकित्सक दो से अधिक क्लिनिक्स में सेवा तो नही दे रहें है, एक चिकित्सक दूसरे जिला में अल्ट्रासाउंड कर रहे है क्या?, एक्ट में प्रावधान है कि एक चिकित्सक अपनी सीमित क्षेत्र में ही अपनी सेवा दे सकते है।  PCPNDT website के लिए किए गए सर्वे अनुसार झारखंड में कई ऐसे चिकित्सक है, जो एक ही समय में एक से ज्यादा क्लिनिक्स में अपनी सेवा दे रहे हैं। या दो से अधिक क्लिनिक्स में अल्ट्रासाउंड कर रहे है।

झारखंंड से संबंधित कुछ तथ्यः-
राज्य भर में वर्ष 2017-2018 मे पांच अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स पर CGM Court में केस दायार किया गया। आठ अल्ट्रासाउंंड क्लिनिक्स को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील किया गया।
जन्म के समय लिंगानुपात 930/1000
शिशु लिंगानुपात 948/1000 (0-6 वर्ष)
झारखंड में कुल पंजीकृत अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स - 742
राज्य के अधिक अल्ट्रासाउंड क्लिनिक्स वाले पांच जिलें
जिला संख्या
रांची         195
पूर्वी सिंहभूम 135
धनबाद         71
बोकारो 62
हजारीबाग 30

वेबसाइट की लांचिंग के बाद सभी सिविल सर्जन, जिला डाटा प्रबंधक को वेबसाइट के बारे में विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्य में प्लान इंडिया द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। इस मौक पर कृपा नन्द झा, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डॉ सुंमत मिश्रा, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ राजेंद्र पासवान, निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं आईईसी सेल प्रभारी डॉ पुष्पा मरिया बेक, प्लान इंडिया के देबजानी खान, अरशद हुसैन, सुमन और अन्य लोग उपस्थित थे।

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