छठी जेपीएससी में अतिरिक्त रिजल्ट का होगा व्यापक विरोध
रांची। छठी झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा
का अतिरिक्त रिजल्ट निकालने का कई संगठन विरोध करेंगे। आदिवासी युवा मोर्चा के सदस्यों
ने कहा कि लगातार 13 महीने आंदोलन के बाद उच्च स्तरीय कमेटी बनी थी। कमेटी के
अध्यक्ष के साथ सभी सदस्यों ने भी माना था कि आरक्षण के मामले में भारी गलती हुई
है। यह
रिपोर्ट राज्य के मुखिया के पास है। इसमें
सब स्पष्ट था। अचानक कोर्ट का यह निर्णय आ गया।
सदस्यों ने कहा कि नेतरहाट कैबिनेट ने
निर्णय लिया गया था कि न्यूनतम अहर्ता अंक वाले सभी को पास कर दिया जाएगा। अतः अब
रिजल्ट बढ़कर करीब 40 हज़ार हो जाएगा। इसका भी सभी छात्र संगठनों ने विरोध किया है। उनका
कहना है कि बाहरियों को बचाने के लिए इतने महीनों से झारखंड के छात्रों के साथ मजाक
किया जा रहा है।
छात्रों का आरोप है कि पीटी में 206
अंक लाने वाले पास कर दिए गए, जबकि 232 अंक लाने वाले फेल कर दिए
गए। इस मामले को लेकर छात्र उग्र हो गए। लगातार आंदोलन करते रहे। हालांकि जेपीएससी
की दलील थी कि रिजर्वेशन की कैटेगरी के हिसाब से कट ऑफ मार्क्स तय किया गया है। मामला
तूल पकड़ने पर इसे कैबिनेट में लाया गया। ओबीसी रिजर्वेशन कैटेगरी से इतर 206 अंक
से ज्यादा नंबर लाने वाले सभी अभ्यर्थियों को पास घोषित किया गया। इसे हाईकोर्ट ने भी स्वीकृति दे दी। इस आधार पर और
965 अभ्यर्थी सफल घोषित हो गए। मुख्य परीक्षा के लिए कुल सफल अभ्यर्थियों की
संख्या 6,100 हो गई। 965 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करने के
बाद भी छात्रों का कट ऑफ मार्क्स को लेकर आंदोलन जारी रहा।
तब रघुवर सरकार ने
नेतरहाट में हुई कैबिनेट में एक नए फार्मूले को स्वीकृति दी। इस आधार पर 40 प्रतिशत
अंक लाने वाल सामान्य, 36.5 फीसदी अंक लाने वाले बीसी टू, 34 प्रतिशत अंक लाने वाले बीसी-वन और 32 फीसदी अंक
लाने वाले एसटी-एससी छात्रों को सफल घोषित करना था। जेपीएससी एक स्वायत्त
संवैधानिक संस्था है, इस लिहाजा से उस पर कैबिनेट का आदेश
लागू नहीं होता। इसलिए यह मामला भी हाईकोर्ट में पहुंचा, जिसे हाईकोर्ट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।
आदिवासी युवा मोर्चा के अध्यक्ष शशि
पन्ना ने कहा कि झारखंड ही एकमात्र राज्य है, जहां
जेपीएससी तो सिर्फ परीक्षा लेती है। राज्य सरकार रिजल्ट जारी करती है। कुल 326 पद
के लिए छठी जेपीएससी की पीटी परीक्षा हुई थी। नियम के मुताबिक कुल सीट का 15 गुना
रिजल्ट मुख्य परीक्षा के लिए जारी होता है,
लेकिन झारखंड में कई सौ गुना रिजल्ट जारी हो गया।
यूपीएससी
की पीटी परीक्षा में सात लाख अभ्यर्थी
शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा के लिए 10 से 12 हजार अभ्यर्थियों का चयन होता है। झारखंड
एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां की पीटी परीक्षा में 70,000
अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें से अनुमानत: 40,000 को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित
कर दिया गया। उन्होंने इसके पीछे बड़ी साजिश का अंदेशा जताया। आने वाला समय में जोरदार
आंदोलन करने की बात की।
ये है मुख्य मांगे
आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए
कोटिवार 15 गुणा ही फ्रेश संशोधित रिजल्ट निकाला जाए। अतिरिक्त रिजल्ट बर्दाश्त
नही किया जाएगा। पीटी
में हर कीमत पर आरक्षण का पालन होना
चाहिए।
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