वातानुकूलित नहीं यह बैंक, फिर भी देता है तपती गर्मी में राहत
![]() |
नि:शुल्क बैंक मेें गरीबों को मिला गमछा |
गढ़वा। यह बैंक वातानुकूलित नहीं है। खुले में चलता
है। यहां न पैसा जमा होता न ही मिलता है। इसके बाद भी तपती गर्मी में यह लोगों को राहत
पहुंचा रहा है। इसका फिक्स ग्राहक भी नहीं नहीं है। कोई भी आ सकता है। हर किसी को
इसका लाभ मिलता है। हर दिन यहां लोग आते हैं। राहत का सामान लेकर जाते हैं।
अभी गढ़वा का तापमान 46 डिग्री के करीब पहुंच चुका
है। ऐसे में नि:शुल्क सत्तू बैंक गरीबों के साथ राहगीरों के लिए वरदान साबित हो रहा
है। पिछले वर्ष करीब 18,000 हजार लोगों को पेट भरने और राहत पहुंचाने
में बैंक सफल रहा था। इस वर्ष भी दो सप्ताह में लगभग चार हजार राहगीरों को पेट भरने
में सफल रहा है। संचालक शौकत खान इसे आम लोगों के सहयोग से चलाते हैं।
अब गमछे का वितरण
शौकत खान ने गर्मी को देखते हुए गुरूवार से नए गमछे
का नि:शुल्क वितरण शुरू कर दिया है। पहले दिन उन्होंने 50 गमछों का वितरण रिक्शा चालक, दिहाड़ी
मजदूर और गांव से शहर आएं ग्रामीण को किया। सभी लोगों ने गमछा लेकर राहत की सांस ली।
साथ में सत्तू के साथ शुद्ध शीतल पानी भी पिया।
ऐसे भी दानदाता
श्री खान बताते हैं कि कई दानदाता अपना नाम सामने
नहीं आने देते। उनके एक फेसबुक मित्र ने गरीबों के लिए 500 नए गमछे खरीदकर गुप्त दान
किया है। ये गढ़वा जिले के बाहर के रहने वाले हैं। काम से प्रभावित होकर उन्होंने यह
दान दिया है।
अनेक निशुल्क बैंक
श्री खान द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार कई नि:शुल्क
बैंक संचालित किया जा रहा है। इस बैंक से कपड़ा, चावल, सत्तू जूस, पाठ्य-सामग्री
आदि चीजें मिलती है। यह अब
तक लाखों गरीबों को नि:स्वार्थ राहत दे चुका है। यह बैंक गढ़वा के कचहरी रोड स्थित
अलका बजाज परिसर में है। यह हर दिन सुबह 11 बजे से 2 बजे तक चलता है। श्री खान कहते
हैं कि आप भी गरीबों के लिए उनकी जरूरत की चीजें डोनेट करना चाहते हैं तो आगे आएं।
No comments