डिस्टलरी पार्क के बाद स्लाटर हाउस की गिरी चाहरदीवारी
रांची। कोकर के डिस्टलरी पार्क के बाद राजधानी के कांके में बने स्लाटर हाउस की बारी रही। रांंची नगर निगम में इसे भी बनवाया है। इसे बनाने में 18 करोड़ रुपये की लागत आई थी। नव निर्मित अत्याधुनिक स्लाटर हाउस शुरू होने के पहले ही बारिश और हवा की भेंट चढ़ गया। इससे इसकी घटिया निर्माण की पोल खुल गई। बुधवार को स्लाटर हाउस की चहारदीवारी गिर गई है। छत पर दिया गया टीना का चादर भी उड़ गया।
बीते छह मई को डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने इसका उदघाटन किया था। हालांकि अब तक यह चालू नहीं हो पाया है। पांच एकड़ में बना झारखंड का यह पहला आधिकारिक स्लाटर हाउस है। इस स्लाटर हाउस में एक दिन में 1000 बकरे काटे जा सकेंगे। यहां मीट कटिंग कर कूलर वैन से मीट को विक्रेताओं की दुकान पर डिलीवरी की जाएगी।
बीते छह मई को डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय और नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने इसका उदघाटन किया था। हालांकि अब तक यह चालू नहीं हो पाया है। पांच एकड़ में बना झारखंड का यह पहला आधिकारिक स्लाटर हाउस है। इस स्लाटर हाउस में एक दिन में 1000 बकरे काटे जा सकेंगे। यहां मीट कटिंग कर कूलर वैन से मीट को विक्रेताओं की दुकान पर डिलीवरी की जाएगी।
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