पूर्ववर्तियों के मिलने से जवां हुआ आरएसी कैंपस
रांची। पूर्ववर्तियों के मिलने से रांची कृषि महाविद्यालय (आरएसी) का कैंपस जवां हो गया। यहां शनिवार से दसवां वार्षिक एल्यूमिनी मीट समारोह शुरू हुआ। इसमें देश-विदेश से दो सौ से अधिक पूर्ववर्ती हिस्सा ले रहे हैं। इसका उदघाटन वर्ष 1961 बैच के छात्र और पूर्ववर्ती छात्र और पूर्व कुलपति प्रो एमए मोहसिन ने किया। विचार व्यक्त करने के क्रम में वे भावुक हो गए।
प्रो मोहसिन ने कहा कि कृषि स्नात्तकों को सदैव कुछ अधिक करने के साथ लगातार प्रयास करना चाहिए, ताकि समाज को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट मिले। उनकी सोच और प्रयासों पर आने वाली भावी पीढी की खाद्यान्न सुरक्षा टिकी है। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय से जुड़ी यादों एवं संस्था में योगदान को याद करते हुए वे भाव-विभोर हो गये। कहा कि महाविद्यालय मेरा दूसरा जन्म स्थान है। इससे जुड़ी सभी यादें याद कर मन प्रफुल्लित रहता है।
1962 बैच के पद्मश्री पीके सेन ने कहा कि रांची कृषि महाविद्यालय ने कांके नाम को अलग पहचान देकर समाज में कांके नाम की आम धारणा को बदला है। इस महाविद्यालय से दी गई शिक्षा ने मुझे वन्य जीव संरक्षण और टाइगर रिजर्व में उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा दी है। 1961 बैच के बैंक पदाधिकारी और विशिष्ट अतिथि डॉ केके सहाय ने पूर्ववर्ती कृषि स्नातक छात्रों को तकनीकी एवं भौतिक प्रयासोें से कृषि विकास में सहभागी बनने पर बल दिया।
पूर्व अधिष्ठाता (कृषि) डॉ एके सरकार ने सहभागिता के आधार पर कृषि विकास में योगदान देने की आवश्यकता जताई। इस मंच से वरीय कृषि स्नातको के माध्यम से अध्ययनरत कृषि छात्र-छात्राओं को आपसी समन्वय से बेहतर कार्य के लिए प्रेरित करने पर बल दिया। कृषि अधिष्ठाता डॉ राघव ठाकुर ने रांची कृषि महाविद्यालय की उपलब्धियां बताई। वर्त्तमान में राज्य में 4 कृषि महाविद्यालय कार्यरत होने की जानकारी दी।
प्रो मोहसिन को लाइफ टाईम कन्ट्रीब्यूर्टस अवार्ड
प्रो मोहसिन को सोसायटी की ओर से लाईफ टाइम कन्ट्रीब्यूर्टस अवार्ड दिया गया। सोसाइटी ने अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए वरूनेश कुमार को 2016 और स्वपनिल को 2017 के लिए प्रों एसएम आलम मेमोरियल ट्राफी से सम्मानित किया। खेलकूद क्षेत्र में वर्ष 2016 और 2017 मेे उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए संजय कुमार एवं महिला वर्ग में अंकिता स्मृति मिंज को 2016 तथा रिसिका सेठ को 2017 के लिए प्रो एमएन साहनी मेमोरियल ट्राफी दिया गया। सांस्कृतिक गतिविधि क्षेत्र में मोहित भूषण को 2016 और नील कुसुम को 2017 के लिए पीएन वर्मा मेमोरियलय ट्राफी दी गई। पूर्व कृषि निदेशक दीपक सिंह मुंडा को विशेष अवार्ड दिया गया। श्रीमती शशि सिंह और श्रीमती मोहसिन को भी सम्मानित किया गया।
प्रतिवेदन प्रस्तुत किया
अध्यक्ष डॉ ए वदूद ने सोसाइटी का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पूर्ववर्ती छात्रों ने झारखंड के संदर्भ मेें भावी कृषि शिक्षा विषय पर परिर्चचा की गई। सभी ने कृषि महाविद्यालय से जुड़ी यादों को सबों समक्ष रखा। उनके बातों का आनन्द उठाया। कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह और धन्यवाद डॉ अरूण कुमार ने किया। मौके पर डॉ जेडए हैदर, डॉ डीएन सिंह, डॉ महादेव महतो, डॉ एन कुदादा, ई डीके रूशिया, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ डीके शाही, डॉ बी मिश्रा, अशोक बाखला, डॉ शशि किरण तिर्की, डॉ नैयर अली, डॉ परवेज आलम, डॉ पूनम होरो के साथ देश-विदेश के करीब 200 पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं मोैजूद थे। शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
1962 बैच के पद्मश्री पीके सेन ने कहा कि रांची कृषि महाविद्यालय ने कांके नाम को अलग पहचान देकर समाज में कांके नाम की आम धारणा को बदला है। इस महाविद्यालय से दी गई शिक्षा ने मुझे वन्य जीव संरक्षण और टाइगर रिजर्व में उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा दी है। 1961 बैच के बैंक पदाधिकारी और विशिष्ट अतिथि डॉ केके सहाय ने पूर्ववर्ती कृषि स्नातक छात्रों को तकनीकी एवं भौतिक प्रयासोें से कृषि विकास में सहभागी बनने पर बल दिया।
पूर्व अधिष्ठाता (कृषि) डॉ एके सरकार ने सहभागिता के आधार पर कृषि विकास में योगदान देने की आवश्यकता जताई। इस मंच से वरीय कृषि स्नातको के माध्यम से अध्ययनरत कृषि छात्र-छात्राओं को आपसी समन्वय से बेहतर कार्य के लिए प्रेरित करने पर बल दिया। कृषि अधिष्ठाता डॉ राघव ठाकुर ने रांची कृषि महाविद्यालय की उपलब्धियां बताई। वर्त्तमान में राज्य में 4 कृषि महाविद्यालय कार्यरत होने की जानकारी दी।
प्रो मोहसिन को लाइफ टाईम कन्ट्रीब्यूर्टस अवार्ड
प्रो मोहसिन को सोसायटी की ओर से लाईफ टाइम कन्ट्रीब्यूर्टस अवार्ड दिया गया। सोसाइटी ने अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए वरूनेश कुमार को 2016 और स्वपनिल को 2017 के लिए प्रों एसएम आलम मेमोरियल ट्राफी से सम्मानित किया। खेलकूद क्षेत्र में वर्ष 2016 और 2017 मेे उत्कृष्ट प्रर्दशन के लिए संजय कुमार एवं महिला वर्ग में अंकिता स्मृति मिंज को 2016 तथा रिसिका सेठ को 2017 के लिए प्रो एमएन साहनी मेमोरियल ट्राफी दिया गया। सांस्कृतिक गतिविधि क्षेत्र में मोहित भूषण को 2016 और नील कुसुम को 2017 के लिए पीएन वर्मा मेमोरियलय ट्राफी दी गई। पूर्व कृषि निदेशक दीपक सिंह मुंडा को विशेष अवार्ड दिया गया। श्रीमती शशि सिंह और श्रीमती मोहसिन को भी सम्मानित किया गया।
प्रतिवेदन प्रस्तुत किया
अध्यक्ष डॉ ए वदूद ने सोसाइटी का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पूर्ववर्ती छात्रों ने झारखंड के संदर्भ मेें भावी कृषि शिक्षा विषय पर परिर्चचा की गई। सभी ने कृषि महाविद्यालय से जुड़ी यादों को सबों समक्ष रखा। उनके बातों का आनन्द उठाया। कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह और धन्यवाद डॉ अरूण कुमार ने किया। मौके पर डॉ जेडए हैदर, डॉ डीएन सिंह, डॉ महादेव महतो, डॉ एन कुदादा, ई डीके रूशिया, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ डीके शाही, डॉ बी मिश्रा, अशोक बाखला, डॉ शशि किरण तिर्की, डॉ नैयर अली, डॉ परवेज आलम, डॉ पूनम होरो के साथ देश-विदेश के करीब 200 पूर्ववर्ती छात्र-छात्राएं मोैजूद थे। शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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