देश के पिछड़े जिलों में झारखंड के 17 शामिल
मेदिनीनगर। देश के 101 जिलों की पहचान नीति
अयोग ने पिछड़े क्षेत्र के रूप में की है। इसमें झारखंड के झारखंड के 17 जिले शामिल
हैं। राज्य का पलामू जिला 60वें नंबर पर है। इन पिछड़े जिलों के विकास के लिए अब केंद्रीय
गृह मंत्रालय और नीति आयोग योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है। उक्त बातें नीति आयोग के प्रभारी पदाधिकारी एसएन प्रधान ने कही। वे शुक्रवार को स्थानीय परिसदन में प्रेस से बात कर रहे थे।
पूरी व्यवस्था ऑन लाईन
श्री प्रधान ने बताया कि केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, कृषि, आधारभूत संरचना, पेयजल के इंडिकेटर में सुधार के लिए अतिरिक्त पैसा देगा। इन जिलों को वर्ष 2022 तक विकास के राष्ट्रीय औसत के समान करेगा। सरकार चाहती है कि नंबर एक और अंतिम पायदान के अंतर को पाट दे। इसके लिए टाटा ट्रैक्स कंपनी को नए सिरे से सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे के बाद पलामू की रैकिंग में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने देश के 25 और गृह मंत्रालय को 35 नक्सल प्रभावित पिछड़े जिलों में इंडिकेटर के सुधार की जवाबदेही दी गई है। इसमे पलामू भी शामिल है। पूरी व्यवस्था को आनलाइन किया गया है। हर सेक्टर को कैटेगरी में बांटा गया है।
डीसी व एसपी करेंगे क्रियान्वयन
श्री प्रधान ने बताया कि जिले
के डीसी और एसपी के स्तर से
योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है। सुरक्षा के साथ विकास को धरातल पर पहुंचाया
जाएगा। पलामू में कई क्षेत्रों में बेहतर काम हुए है। नए सर्वे के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। काम के आधार पर रैकिंग में सुधार
होगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जरूरत के हिसाब से योजना के अनुसार सड़क बनाने की योजना है। मौके पर भारतीय
प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु चंदन कुमार, डीडीसी, सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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