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निजी क्षेत्र में ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ी

  • ग्रेच्यूटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2018 अमल में आया
नई दिल्‍ली। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने और मातृत्व अवकाश को 26 सप्ताह करने संबंधी (संशोधन) अधिनियम 2018 बृहस्पतिवार से अमल में आ गया। संसद ने संबंधित विधेयक को 22 मार्च को पारित किया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के बुधवार को हस्ताक्षर करने के साथ ही इसने कानून का रूप ले लिया था। सरकार ने इसे बृहस्पतिवार को अधिसूचित कर दिया। अब सेवानिवृत्त होने वाले निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि बढ़कर 20 लाख रुपए हो गई थी। इसे देखते हुए सरकार निजी क्षेत्र कर्मचारियों के लिए भी ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपए करने के उद्देश्य से यह विधेयक लायी थी।

नए कानून में ग्रेच्युटी की सीमा का उललेख नहीं किया गया है, लेकिन कहा गया है कि सरकार इस राशि को अधिसूचित करेगी। नए कानून के अनुसार महिला कर्मचारियों की मातृत्व अवकाश की अवधि मौजूदा 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह होगी। इससे निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्र के उन कर्मचारियों के बीच ग्रेच्युटी को लेकर समानता हो गई, जो सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत नहीं आते हैं। ऐसे कर्मचारी भी अपने समक्ष सरकारी कर्मचारियों की तरह ग्रेच्युटी की उच्चतम राशि पाने के हकदार हो जाएंगे। ग्रेच्युटी भुगतान कानून उन प्रतिष्ठानों में लागू होता है, जिनमें 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं। नए कानून में ग्रेच्युटी की राशि की सीमा अधिसूचित करने का अधिकार केंद्र सरकार को दिया गया है, ताकि वेतन में वृद्धि, मुद्रास्फीति और भविष्य में वेतन आयोगों को देखते हुए समय-समय पर ग्रेच्युटी की सीमा को संशोधित किया जा सके।

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