किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को जाना
रांची। प्रसार शिक्षा निदेशालय ने आत्मा, लोहरदगा से प्रायोजित सूक्ष्म सिंचाई तकनीक पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में 20 कक्षाएं हुई। ई डीके रूसिया ने मिट्टी और जल संरक्ष्सण का महत्व एवं उनके तरीके, ई मिन्टु जॉब ने सूक्ष्म सिंचाई के अवयव एवं तकनीकी, डॉ रजनी किरण ने विभिन्न फसलों में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का अनुप्रयोग, डॉ मुकेश कुमार ने तकनीक की उपयोगिता और उसके प्रसार पर प्रकाश डाला। प्रो ए पूरन ने मिट्टी की जांच और वर्मी कम्पोस्ट का महत्व, डॉ सीएस सिंह ने समन्वित कृषि प्रणाली, डॉ अरूण तिवारी ने टपक सिंचाई पद्धति से पौधे और फल नर्सरी का प्रबंधन, डॉ एचसी लाल ने फसलों का रोग प्रबंधन संबंधी तकनीकी जानकारियाँ दी ।
शुक्रवार को बीएयू स्थित कृषक भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर उप प्रसार शिक्षा निदेशिका प्रशिक्षण डॉ निभा बाड़ा ने सभी 25 प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं तकनीकी उपादान प्रदान किया। डॉ बाड़ा ने राज्य में सिंचाई साधन की कमी को देखते हुए सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को विभिन्न फसलों की खेती विशेषकर सब्जी फसलों के लिए काफी लाभकारी बताया। प्रतिभागियों के प्रशिक्षण अवधि में हार्प, प्लांडु का भ्रमण कराया गया। वहां डॉ एस मौर्या ने सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का सब्जी फसल में व्यावहारिक उपयोग को बताया।
शुक्रवार को बीएयू स्थित कृषक भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर उप प्रसार शिक्षा निदेशिका प्रशिक्षण डॉ निभा बाड़ा ने सभी 25 प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं तकनीकी उपादान प्रदान किया। डॉ बाड़ा ने राज्य में सिंचाई साधन की कमी को देखते हुए सूक्ष्म सिंचाई तकनीक को विभिन्न फसलों की खेती विशेषकर सब्जी फसलों के लिए काफी लाभकारी बताया। प्रतिभागियों के प्रशिक्षण अवधि में हार्प, प्लांडु का भ्रमण कराया गया। वहां डॉ एस मौर्या ने सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का सब्जी फसल में व्यावहारिक उपयोग को बताया।
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