कोयला अधिकारियों के वेतन पुनरीक्षण पर बनी बात
रांची। कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनी में
कार्यरत अफसरों के वेतन पुनरीक्षण पर बात बन गई है। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि इस
संबंध में कोल इंडिया बोर्ड से स्पष्ट मंजूर ली जाए। फिर आगे की कार्रवाई के लिए
कोयला मंत्रालय को उसे भेजा जाए। इस मामले पर कोयला मंत्रालय के उप निदेशक डीके शर्मा
ने कोल इंडिया के चेयरमैन को 27 मार्च को पत्र भी लिखा है।
कोयला सचिव ने की थी बैठक
चेयरमैन को भेजे पत्र में उप निदेशक ने कहा
है कि इस मामले पर कोयला सचिव ने सीएमओएआई के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अफसरों से
बात की थी। यह बैठक 27 मार्च को ही हुई थी। चर्चा के क्रम में यह बात उभरकर सामने आई
कि अधिकारियों के वेतन पुनरीक्षण को लेकर कोल इंडिया बोर्ड से मंजूरी नहीं ली गई है।
इसके मद्देनजर चेयरमैन को बोर्ड से प्रस्ताव की मंजूरी लेने को कहा गया।
जनवरी 2017 से लंबित
कोयला अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण जनवरी
2017 से लंबित है। हर दस साल पर अफसरों का वेतन पुनरीक्षण होता है। अधिकारियों महीनों
से वेतन पुनरीक्षण की आस लगाए बैठे हैं। उन्हें लगा था कि कामगारों का वेतन समझौता
हो जाने के बाद उनका भी वेतन पुनरीक्षण तुरंत हो जाएगा। हालांकि मामला टलता चला गया।
वेतन पुनरीक्षण में होने से वर्तमान में कार्यरत करीब 19 हजार अधिकारियों को लाभ होगा।
ओएनजीसी के समक्ष वेतन मांगा
सीएमओएआई ने कोयला अधिकारियों के लिए ओएनजीसी
के समक्ष वेतन देने की मांग की थी। उनका कहना था कि उक्त कंपनी की तरह कोयला अधिकारी
भी जोखिम भरे वातावरण में काम करते हैं। ऐसे में दोनों का वेतनमान बराबर होना चाहिए।
बताया जाता है कि यह मामला बहुत आगे नहीं बढ़ सका।
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