कोयला हड़ताल स्थगित, मनेगा विरोध दिवस
- यूनियनों में उभरे मतभेद, अलापे अलग राग
ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) के महामंत्री
डीडी रामानंदन ने बताया कि भारत सरकार से कॉमर्सियल माइनिंग के फैसले को वापस लेने
की मांग को लेकर 13 अप्रैल को कोयला सचिव के स्तर पर वार्ता हुई। वार्ता के बाद
हड़ताल नोटिस देनेवाले चार यूनियनों में से बीएमएस और एचएमएस ने समझौते पर हस्ताक्षर
करके हड़ताल वापस ले लिया। हालांकि समझौते में कॉमर्शियल माईनिंग रोकने के संबंध में
कोई आश्वासन तक नहीं दिया गया है। केवल कॉमर्शियल माईनिंग के विभिन्न पहलुओं पर
चर्चा करने के लिए संयुक्त सचिव के स्तर पर एक कमेटी गठन की बात कही गई है। यह
दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री रामानंदन ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सीटू
ने एटक और इंटक से बात कर मजदूरों की एकता बनाये रखने के लिए 16 अप्रैल को
होनेवाली कॉमर्शियल माईनिंग के खिलाफ हड़ताल को स्थगित करते हुए विरोध आंदोलन में
बदलने का फैसला किया है। उसी दिन देश भर में हड़ताल की जगह ‘कॉमर्शिलय माईनिंग विरोध दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। गेट मीटिंग, पिट मीटिंग, आम सभा, जुलूस, धरना, प्रदर्शन आदि कर
कॉमर्शियल माईनिंग के विरोध को जारी रखा जायगा।
श्री रामानंदन ने कहा कि इसी बीच कोल इंडिया ने
एक पत्र जारी किया है, जिसमें हड़ताल का नोटिस देनेवाले सभी यूनियनों द्वारा हड़ताल वापस ले लेने
की बात कही गई है। इसमें सीटू का नाम भी शामिल किया गया है। यह काम कोल इंडिया ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर किया है। ऑल
इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन (सीटू) इसकी भर्त्सना करता है।


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