चारा घोटाला: एक और मामले में 37 दोषी, 5 बरी
रांची।
चारा घोटाला से जुड़े दुमका ट्रेजरी के तीसरे मामले (आरसी 45/96) में
सीबीआई के स्पेशल जज शिवपाल सिंह ने सोमवार को फैसला सुनाया। इस केस में 37
आरोपियों को दोषी करार दिया गया। वहीं, 5 को बरी कर दिया गया। चारा घोटाला
का यह 51वां मामला है। दोषियों पर सजा के बिंदुओं पर कल से सुनवाई होगी।
यह मामला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत
किसी भी राजनेता से जुड़ा हुआ नहीं है। इसमें पशुपालन विभाग के अधिकारी,
डॉक्टर और आपूर्तिकर्ता शामिल है।
42 आरोपियों पर हुई सुनवाई
यह मामला भी दुमका ट्रेजरी से वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 की अवधि में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 34 करोड़ 91 लाख 54844 रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में कुल 42 आरोपियों ने सुनवाई का सामना किया।
क्या है दुमका ट्रेजरी मामला
दुमका ट्रेजरी से वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 के बीच 34 करोड़ 91 लाख 54 हजार 844 रुपए की अवैध निकासी हुई थी।सबसे पहले दुमका के तत्कालीन मजिस्ट्रेट राजीव अरुण एक्का ने 22 फरवरी 1996 को दुमका टाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 15 अप्रैल 1996 को सीबीआई ने केस संख्या आरसी 45ए/96 के तहत 72 आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। 12 अक्टूबर 2001 को अदालत में चार्जशीट दायर की गई। वहीं, 24 जुलाई 2004 को 60 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जफ्रेम हुआ था।ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन हो गया, दो ने अपराध स्वीकार किया और एक अब तक फरार है। एक आरोपी को हाई कोर्ट से राहत मिल चुकी है।
23 मार्च को लालू को दुमका ट्रेजरी के दूसरे केस में मिली थी 14 साल की सजा
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार (23 मार्च, 2018) को दुमका ट्रेजरी (आरसी38/96) के मामले में लालू प्रसाद दो धाराओं में 14 साल की सजा और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। आरसी 45/96 मामले में सोमवार को 42 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया।
लालू को चारा घोटाला के इन 4 केस में मिल चुकी है सजा
चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस: 30 सितंबर 2013 को कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। पांच साल जेल की सजा हुई। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी उन पर लगाया गया था।देवघर ट्रेजरी केस: 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस: 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई। दस लाख रुपए जुर्माना।दुमका ट्रेजरी केस: मार्च 2018 में लालू यादव को दोषी माना गया। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। यानी कुल 14 साल। लालू पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
42 आरोपियों पर हुई सुनवाई
यह मामला भी दुमका ट्रेजरी से वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 की अवधि में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 34 करोड़ 91 लाख 54844 रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में कुल 42 आरोपियों ने सुनवाई का सामना किया।
क्या है दुमका ट्रेजरी मामला
दुमका ट्रेजरी से वर्ष 1991-92 और वर्ष 1995-96 के बीच 34 करोड़ 91 लाख 54 हजार 844 रुपए की अवैध निकासी हुई थी।सबसे पहले दुमका के तत्कालीन मजिस्ट्रेट राजीव अरुण एक्का ने 22 फरवरी 1996 को दुमका टाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 15 अप्रैल 1996 को सीबीआई ने केस संख्या आरसी 45ए/96 के तहत 72 आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। 12 अक्टूबर 2001 को अदालत में चार्जशीट दायर की गई। वहीं, 24 जुलाई 2004 को 60 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जफ्रेम हुआ था।ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन हो गया, दो ने अपराध स्वीकार किया और एक अब तक फरार है। एक आरोपी को हाई कोर्ट से राहत मिल चुकी है।
23 मार्च को लालू को दुमका ट्रेजरी के दूसरे केस में मिली थी 14 साल की सजा
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार (23 मार्च, 2018) को दुमका ट्रेजरी (आरसी38/96) के मामले में लालू प्रसाद दो धाराओं में 14 साल की सजा और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। आरसी 45/96 मामले में सोमवार को 42 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया।
लालू को चारा घोटाला के इन 4 केस में मिल चुकी है सजा
चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस: 30 सितंबर 2013 को कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। पांच साल जेल की सजा हुई। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी उन पर लगाया गया था।देवघर ट्रेजरी केस: 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस: 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई। दस लाख रुपए जुर्माना।दुमका ट्रेजरी केस: मार्च 2018 में लालू यादव को दोषी माना गया। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। यानी कुल 14 साल। लालू पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
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