मिथिला केर इतिहास लिखाओल सब दें अगबे नोरे सं
रांची। ‘की थीक, मिथिला के छथी मैथिल, हम कहैत
छि ओरे सं, मिथिला
केर इतिहास लिखाओल सब दिन अगबे नोरे सं’ इस गीत को जब अवनीन्द्र ठाकुर ने प्रस्तुत किया, तब श्रोता
भाव विभोर हो गए। अवसर था विगत माह राज्य सरकार द्वरा मैथिली को झारखंड में
द्वितीय राजभाषा की श्रेणी में लाने की घोषणा के निर्णय पर आयोजित “आभार सह उल्लास
दिवस“ का। इसका आयोजन झारखंड मैथिली मंच के तत्वावधन में रांची के हरमू के बसंत
विहार स्थित स्वागतम बंक्वेट हॉल में शुक्रवार को हुआ। इसके बाद उन्होने एक से बढ़
कर एक गीत ग़ज़ल प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवती गीत जय जय
भैरवी असुर भयावनी से हुई। इस अवसर पर मैथिली को द्वितीय राजभाषा के रूप में
सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री सहित, मंत्रिमंडल के सदस्य और राज्य भर में मैथिली भाषा
के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्यरत संस्थाओं के प्रति आभार, उद्गार और
कृतज्ञता प्रकट की गई। मैथिली जगत के लिविंग लीजेंड, प्रख्यात गीतकार, संगीतकार गायक, फिल्म निर्माता– निर्देशक रवीद्र नाथ
ठाकुर जी को उनके जन्म दिवस पर शुभकामनायं दी गई।
आयोजन को
सफल बनाने में जयंत झा, अभय झा, प्रेमचन्द्र झा, कृष्ण कुमार झा, ब्रज किशोर झा, गोपाल झा, दयानन्द कुमर, नर्मदेश्वर झा, घनश्याम झा, अमरनाथ झा, आत्मेश्वर झा, ब्रज कुमार झा सहित बबीता झा, निशा झा, अनीता
झा, बिट्टू
झा, अर्चना
झा, सुबोध
चौधरी, काशीनाथ
झा, रमाकांत
मिश्रा आदि ने योगदान किया। इस अवसर पर बीएसएनएल के सीजीएम केके ठाकुर, भारतीय
पुलिस सेवा के आलोक प्रियदर्शी, आशुतोष झा, विवेकानंद झा, डॉ गुणेश्वर झा, नमोनाथ झा, सुरेश पासवान, सुबोधनाथ ठाकुर, आरसी चौधरी, अमरेंद्र मोहन झा, नवीन झा, विवेकानंद मिश्रा, बाबूलाल झा, डॉ सहदेव झा, डॉ बिमल कुमार झा, सतीश झा, मोहन झा पड़ोसी, सुशील राय आदि भी मौजूद थे।
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