ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय पक्षी ने बीएयू में पांच बच्चे दिए
रांची। राजधानी के कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा
संकाय स्थित बहुद्देशीय पक्षी, खरगोश फार्म में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय पक्षी इमू ने
पांच बच्चे दिए। इमू की दो मादा ने अंडे दिए थे। इसे नर इमू ने करीब 60 दिनों तक सेता। उससे इमू के पांच नवजात शिशु पैदा हुए। अंडों को नर इमू ही
सेता है। अंडों से बच्चे निकलने पर भी नर इमू ही उसके आत्मनिर्भर होने तक पोषण
करते हैं। इन अंडों का औसत वजन 700 ग्राम था। चूजे का औसत वजन
400 से 500 ग्राम है। मादा इमू हर
तीसरे दिन एक अंडा सुबह या शाम को देती है। इससे प्रतिवर्ष 40 से 50 अंडे प्राप्त होते हैं।
पहली बार मिलेे बच्चे
फार्म प्रभारी डॉ
सुशील प्रसाद ने बताया कि 2010 से इमू पक्षी पाला जा रहा है।
वर्त्तमान में दो मादा और तीन नर सहित कुल 05 इमू पक्षी हैं।
फार्म में पहली बार इमू पक्षी से पांच नवजात शिशु मिले हैं। यह भारी किन्तु बहुत
फुर्तीला पक्षी है। इसके शरीर का रंग मटमैला भूरापन लिए हुए होता है। पंख बड़े
चमकीले होते हैं। यह अपनी प्रजाति के अन्य पक्षियों की तरह घास-फूस, फल-फूल और जंगली
वनस्पतियों के साथ ही साथ छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े खाते हैं। जंगली चूहे और छिपकलियां इसका प्रिय भोजन है। मुर्गी के दर्रे
से बड़ा मोटा दाना का भोजन भी इसे दिया जा सकता है। यह पंख होते हुए न उड़ने वाला
विशालकाय पक्षी है, जो अपनी मजबूत और शक्तिशाली टांगों की
सहायता से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से भाग सकता है। इमू
का मांस गूदेदार होता है, जिसमे 98 प्रतिशत
वसा होता है। हालांकि इसमें अन्य मांसो की अपेक्षा विटामिन सी और आयरन की अधिकता एवं
कोलेस्टोरेल की मात्रा बहुत कम होती है।
उंची कीमत पर मिलता है आमलेट
डॉ सुशील ने बताया कि इमू के वसा से निकाले गये तेल का औषधीय
महत्व है। इसके अंडे में करीब 16 प्रतिशत प्रोटीन और 36
प्रतिशत वसा पाया जाता है। इसका आमलेट बड़े होटलों में काफी उंची
कीमत पर मिलता है। यह पक्षी हर तरह के मौसम में रह सकता है। प्रतिकूलताओं को सहन
कर सकता है। इसे रखने के लिए कोई घर या ढांचा बनाना जरूरी नही है। खुले में ही
आसानी से पाला जा सकता है। विश्वविद्यालय में इमू रखने का उद्देश्य इसकी संख्या
बढ़ाना है। अच्छी संख्या हो जाने पर व्यावसायिक इमू पालन के लिए ग्रामीणों को
प्रेरित करना है। इमू पक्षी खुली जगह में ही रहना पसंद करते हैं। बहुउद्देश्य
पक्षी/खरगोश फार्म में कारकनाथ, बटेर, टर्की, खरगोश, चाइना मुर्गी, तितर, मोर,
कबूतर और इमू प्रजाति के करीब 400 पक्षी है। इन्हें देखने स्कूल
और कॉलेज के विद्यार्थी हमेशा आते रहते हैं।
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