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सरकार की उदासीनता से झारखंड को 200 करोड़ का नुकसान


रांची। राज्‍य सरकार की उदासीनता से झारखंड को करीब 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जानकारी के मुताबिक झारखंड में नेशनल माइनॉरिटी फाइनेंस डेवलोपमेंट कारपोरेशन केे गठन के बाद भी यह निष्क्रिय है। जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार 73:26:1 के अनुपात से अल्‍पसंख्‍यकों को लोन उपलब्ध कराती है, ताकि अल्‍पसंख्‍यक युवा स्वरोजगार कर सके। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर 3,000 करोड़ रुपए के शेयर कैपिटल कोष की स्थापना की है। इसमें झारखंड का हिस्‍सा सालाना करीब 50 करोड़ रुपये है।

कारपोरेशन के निष्क्रिय होने से यहां के अल्‍पसंख्‍यकों को अब तक लगभग 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है। एक साल की अवधि में यह राशि 250 करोड़ रुपये पहुंच जाएगी। जानकारों का कहना है कि सरकार और विपक्ष दोनों अल्‍पसंख्‍यकों को लेकर गंभीर नहीं है। फाइनेंस कारपोरेशन को सक्रिय नहीं करना इस बात का संकेत दे रहा है। सत्‍ता पक्ष तो को तो छोड़ दे विपक्ष ने भी इसकी मांग नहीं की है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के युवा प्रकोष्ठ के संयोजक नाज़िश हसन ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द कारपोरेशन को सक्रिय करने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि माइनॉरिटी को स्वरोजगार के लिए लोन उपलब्ध करवाया जाए, जिससे सबका साथ सबका विकास संभव हो सके। राज्य के पूर्व माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष शाहिद अख्तर ने कहा कि नेशनल फाइनेंसियल डेवलोपमेन्ट कारपोरेशन की टीम झारखंड में उनका कार्यकाल खत्‍म होने 6 दिन पूर्व आई थी, परंतु राज्य के अधिकारी ने उनका कार्यकाल के खत्‍म होने के बाद इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक विकास एवं वित्‍तीय कार्पोरेशन द्वारा पिछले चार साल में दिए गए लोन और लाभुकों की संख्‍या :-
साल         राशि (करोड़ में)     लाभुक
13-14       325.46            75966
14-15       431.20            108752
15-16       473.29            86103
16-17       503.32            108588

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