12 जनवरी तक एक लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा: CM
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास
ने कहा कि निजी आइटीआइ, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में बच्चों को
सरकार फीस में सब्सिडी देगी। इन कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों के
प्लेसमेंट की गारंटी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। सोमवार को झारखंड
कौशल विकास मिशन सोसाइटी की बैठक में सीएम ने कहा कि सरकार बेरोजगारों का
कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ेगी।
15 जुलाई से अगले साल 12 जनवरी तक एक लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन राज्य की तरक्की के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। सरकार का ध्यान इस दिशा में है। युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने से इनकी जीवनशैली में गुणात्मक बदलाव आएंगे। इसका लाभ राज्य को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबी दूर करने का संकल्प लेकर काम कर रही है। इसके अलावा पलायन रोकने पर भी ध्यान है। यह तभी संभव है, जब यहां के लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए।
कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर छह माह में एक लाख युवाओं को रोजगार देगी सरकार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छह माह में राज्य सरकार कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर एख लाख युवाओं को रोजगार देगी। यह लक्ष्य अगले साल 12 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के अति पिछड़े छह जिलों पर विशेष फोकस होगा। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि इन पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र की स्थापना कर जल्द कोर्स शुरू करें। आइटीआइ, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लेसमेंट की गांरटी सुनिश्चित करें ताकि बच्चों का रूझान बढ़े। वे सोमवार झारखंड मंत्रालय में झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की तृतीय बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन है। सरकार इनपर निवेश कर रही है। इन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने पर इनकी जीवन शैली में गुणात्मक बदलाव आ जाएंगे।
पिछड़े जिलों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले जाएंगे कौशल विकास केंद्र
सीएम ने कहा कि राज्य के अति पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले जायेंगे। यहां आवासीय सुविधा भी रहेगी। एक बैच 100 लड़के व 100 लड़कियों का रहेगा। एक वर्ष में 1000 बच्चों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। राज्य भर में बने ऐसे सरकारी भवन जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, उसमें कौशल विकास केंद्र खोले जायेंगे। राज्य सरकार को नर्सों की काफी जरूरत है। नर्सिंग को बढ़ावा दें। एएनएम को हेल्थ से जुड़े प्रशिक्षण दें। इसके साथ ही एंबुलेंस के ड्राइवर को भी तत्काल मदद करने से संबंधी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। पाकुड़ में नर्सिंग कॉलेज खोलें। टेक्सटाइल क्षेत्र में भी काफी रोजगार पैदा हो रहा है। कई बड़ी कंपनियां अपने कारखाने लगा रही हैं। टेक्सटाइल का प्रशिक्षण दें।
स्किल यूनिवर्सिटी के लिए मानसून सत्र में आएगा बिल
उन्होंने कहा कि लड़कियां पढ़ाई में काफी रूचि ले रही हैं। उन्हें बढ़ावा दें। इस वर्ष 15 जुलाई को वर्ल्ड यूथ स्किल डे के दिन से रोजगार देना शुरू किया जायेगा। साल के अंत तक एक लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। बैठक में विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि स्किल यूनिवर्सिटी के लिए मानसून सत्र में बिल लाया जायेगा। 600 एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पिछले वर्ष कौशल विभाग द्वारा 1.02 लाख से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया गया। पश्चिमी सिंहभूम को पूरे देश में स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रथम स्थान मिला, वहीं लोहरदगा सातवें पायदान पर रहा। कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आइटीआइ और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्लेसमेंट को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ करार किया गया।
15 जुलाई से अगले साल 12 जनवरी तक एक लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन राज्य की तरक्की के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। सरकार का ध्यान इस दिशा में है। युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने से इनकी जीवनशैली में गुणात्मक बदलाव आएंगे। इसका लाभ राज्य को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबी दूर करने का संकल्प लेकर काम कर रही है। इसके अलावा पलायन रोकने पर भी ध्यान है। यह तभी संभव है, जब यहां के लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए।
कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर छह माह में एक लाख युवाओं को रोजगार देगी सरकार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छह माह में राज्य सरकार कौशल विकास की ट्रेनिंग देकर एख लाख युवाओं को रोजगार देगी। यह लक्ष्य अगले साल 12 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के अति पिछड़े छह जिलों पर विशेष फोकस होगा। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि इन पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र की स्थापना कर जल्द कोर्स शुरू करें। आइटीआइ, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लेसमेंट की गांरटी सुनिश्चित करें ताकि बच्चों का रूझान बढ़े। वे सोमवार झारखंड मंत्रालय में झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की तृतीय बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन है। सरकार इनपर निवेश कर रही है। इन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने पर इनकी जीवन शैली में गुणात्मक बदलाव आ जाएंगे।
पिछड़े जिलों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले जाएंगे कौशल विकास केंद्र
सीएम ने कहा कि राज्य के अति पिछड़े जिलों में कौशल विकास केंद्र आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खोले जायेंगे। यहां आवासीय सुविधा भी रहेगी। एक बैच 100 लड़के व 100 लड़कियों का रहेगा। एक वर्ष में 1000 बच्चों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। राज्य भर में बने ऐसे सरकारी भवन जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, उसमें कौशल विकास केंद्र खोले जायेंगे। राज्य सरकार को नर्सों की काफी जरूरत है। नर्सिंग को बढ़ावा दें। एएनएम को हेल्थ से जुड़े प्रशिक्षण दें। इसके साथ ही एंबुलेंस के ड्राइवर को भी तत्काल मदद करने से संबंधी प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। पाकुड़ में नर्सिंग कॉलेज खोलें। टेक्सटाइल क्षेत्र में भी काफी रोजगार पैदा हो रहा है। कई बड़ी कंपनियां अपने कारखाने लगा रही हैं। टेक्सटाइल का प्रशिक्षण दें।
स्किल यूनिवर्सिटी के लिए मानसून सत्र में आएगा बिल
उन्होंने कहा कि लड़कियां पढ़ाई में काफी रूचि ले रही हैं। उन्हें बढ़ावा दें। इस वर्ष 15 जुलाई को वर्ल्ड यूथ स्किल डे के दिन से रोजगार देना शुरू किया जायेगा। साल के अंत तक एक लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जायेगा। बैठक में विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि स्किल यूनिवर्सिटी के लिए मानसून सत्र में बिल लाया जायेगा। 600 एएनएम को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पिछले वर्ष कौशल विभाग द्वारा 1.02 लाख से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया गया। पश्चिमी सिंहभूम को पूरे देश में स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रथम स्थान मिला, वहीं लोहरदगा सातवें पायदान पर रहा। कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आइटीआइ और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्लेसमेंट को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ करार किया गया।
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