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पीएम ने प्रोटोकॉल तोड़ा, कहा- ये ऐसे आईएएस हैं जो खुद शौचालय साफ करते हैं

पटनाचंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मोतिहारी पहुंचे। यहां उन्होंने 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह' अभियान का आगाज भी किया गया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान प्रोटोकॉल तोड़कर स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय के सचिव परमेश्वर जी. अय्यर की तारीफ की। मोदी ने मीडिया से कहा, "अय्यर पर अपना कैमरा फोकस करें, क्योंकि वे ऐसे शख्स हैं, जो अमेरिका से नौकरी छोड़कर भारत आए। वे खुद शौचालय साफ करते हैं।" बता दें कि महात्मा गांधी ने 10 अप्रैल 1917 को चंपारण सत्याग्रह किया था। पिछले साल चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह शुरू किया गया था।

प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में शुरू किया भाषण
 मोदी ने भोजपुरी में भाषण की शुरुआत की। उन्होंने भोजपुरी में देशभर से आए स्वच्छाग्रहियों को प्रणाम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "चंपारण सत्याग्रह के वक्त यहां के लोगों के साथ मिलकर महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरुआत की थी। आज हम बापू के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। जो लोग कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता नहीं है। वो यहां आकर देख सकते हैं कि कैसे सौ वर्ष पहले का इतिहास आज भी साक्षात हमारे सामने मौजूद है। मेरे सामने वो स्वच्छाग्रही बैठे हैं, जिनके अंदर गांधी के विचार-आदर्श का अंश जीवित हैं। मैं ऐसे सभी स्वच्छाग्रहियों के भीतर मौजदू गांधीजी के अंश को शत-शत प्रणाम करता हूं।"

'कोई कस्तूरबा है तो कोई डॉ. राजेंद्र बाबू'
मोदी ने कहा, ‘‘चंपारण सत्याग्रह के सौ साल बाद आज उसी भावना पर चलते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों के आए लोगों ने यहां के उत्साही नौजवानों और स्वच्छाग्रहियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिनरात काम किया है। आज इस विशाल समूह में कोई कस्तूरबा है, कोई राजकुमार शुक्ल है, कोई गोरखप्रसाद है, कोई हरिवंश राय है, कोई डॉ. राजेंद्र बाबू है।’’

'इस उत्साह को मैं प्रणाम करता हूं'
प्रधानमंत्री बोले, ‘‘स्वच्छाग्रह आप जैसे लोगों के जीवन को नई दिशा दे रहा है। चलो चंपारण इस नारे के साथ हजारों स्वच्छाग्रही देश के कोने-कोने से आकर यहां जुटे हैं। आपके उस उत्साह और उमंग और ऊर्जा को, राष्ट्र निर्माण के प्रति आपकी आतुरता को, बिहार के लोगों की अभिलाषा को मैं प्रणाम करता हूं।’’

'बिहार ने मोहनदास को महात्मा और बापू बना दिया'
 मोदी ने कहा, ‘‘पिछले सौ वर्ष में भारत की तीन बड़ी कसौटियों के समय इसी बिहार ने देश को रास्ता दिखाया। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब बिहार ने मोहनदास करमचंद गांधीजी को महात्मा और बापू बना दिया। स्वतंत्रता के बाद जब करोड़ों किसानों के सामने भूमिहीनता का संकट आया तो विनोबा भावेजी ने भूदान आंदोलन शुरू किया था। और तीसरी बार जब देश के लोकतंत्र पर संकट आया तो इसी धरती के नायक बाबू जयप्रकाश नारायण उठ खड़े हुए और लोकतंत्र को बचा लिया।’’

'मोतिहारी झील की गांधी जी भी तारीफ करते थे'
 मोदी ने कहा, ‘‘यहां मुझे 6600 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मिला है। आज जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया, उनमें मोतिहारी झील का जीर्णोधार भी शामिल है। गांधीजी जब सत्याग्रह के लिए चंपारण में थे तो उन्होंने इस झील के बारे में कहा था कि इसे देखना आनंद देता है। यह शहर इस झील के चलते ही सुंदर है।’’

नीतीश और सुशील मोदी की तारीफ
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि कुछ लोग सवाल कर सकते हैं कि स्वच्छता के मामले में बिहार की स्थिति देखने के बाद मोदीजी ऐसी बात क्यों कर रहे हैं? इसके पीछे एक वजह है। नीतीशजी और सुशील मोदीजी के नेतृत्व में बिहार ने जो काम बीते दिनों कर दिखाया है, उसने सभी का हौसला बुलंद कर दिया। देश में बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य था, जहां स्वच्छता का दायरा 50 फीसदी से भी कम था। लेकिन मुझे आज मेरे सचिव ने बताया कि एक हफ्ते के स्वच्छाग्रह अभियान के बाद बिहार ने इस अवरोध को तोड़ दिया। एक हफ्ते में 8 लाख 50 हजार से ज्यादा शौचालय बनाए गए। ये गति और प्रगति कम नहीं है। ये आंकड़े साबित करते हैं कि बिहार बहुत ही जल्द स्वच्छता का दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीय औसत की बराबरी करने में सफल हो जाएगा।’’

पीएम ने प्रोटोकॉल तोड़ा, सचिव की तारीफ की
मोदी ने कहा, ‘‘मुझे कुछ स्वच्छाग्रही साथियों को सम्मानित करने का अवसर मिला है। महिलाओं की संख्या ज्यादा है। आज मुझे एक व्यक्ति के सम्मान करने का अवसर नहीं मिला। लेकिन मैं आज प्रशासनिक मर्यादाओं को तोड़कर उस बात का जिक्र करना चाहूंगा। सरकार में काम करने वाले अधिकारी अनाम होते हैं। उनकी पहचान नहीं हो पाती। वे परदे के सामने नहीं आ पाते।’’

 ‘‘केंद्र सरकार में हमारे सचिव परमेश्वरजी अय्यर इस काम को देख रहे हैं। वे आईएएस की नौकरी छोड़कर अमेरिका चले गए थे। वहां सुख-चैन की जिंदगी गुजार रहे थे। हमारी सरकार बनने के बाद हमने कई लोगों को आह्वान किया। मुझे खुशी है कि अमेरिका की शानदार की जिंदगी छोड़कर वे भारत वापस लौट आए। मैंने उन्हें सरकार में लिया और स्वच्छाग्रह का काम दिया।’’

‘‘वे खुद जगह-जगह जाकर शौचालय की सफाई करते हैं। और आज परमेश्वरजी जैसे मेरे साथी हों। हजारों स्वच्छाग्रही हों तो मेरा विश्वास दृढ़ हो जाता है कि बापू का सपना पूरा हो जाएगा। हम पढ़ते-सुनते थे कि भगवान हजार हाथ वाले होते हैं। लेकिन मैं नम्रता पूर्वक कहता हूं कि हजारों स्वच्छाग्रही बैठे हैं तो देश का प्रधानमंत्री भी हजारों बाहू वाला बन गया है।’’

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