किसानों ने जानी रोटाभेटर फार्म मशीनरी की उपयोगिता
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविन्दर कौशल ने
पतरातू डैम से सटे हेसाटोली जारद गांव को कृषि तकनीकी प्रसार के लिये चुना है।
किसानो की आय दोगुनी करने में विश्वविद्यालय हर संभव तकनीकी मदद का प्रयास कर रहा
है। इस क्रम में 11 अप्रैल को विवि अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिको के दल ने गांव
का दौरा किया। कृषि कार्यो से जुड़े करीब तीस किसानों के पांच एकड़ भूमि में
ट्रेक्टर चालित रोटाभेटर मशीन का प्रदर्शन किया। मशीन से खेत की एक ही जुताई के
बाद बोवाई के तरीको का जीवंत प्रदर्शन दिखाया गया। इस मशीन से प्रति घंटे एक एकड़ जमीन
की जुताई की जा सकती है। इससे जुताई और श्रम लागत में सत्तर प्रतिशत की बचत की जा
सकती है।
वैज्ञानिको के दल ने डैम के निकट की बीस एकड़ परती भूमि में वेजीटेबल्स
प्लान्टर मशीनरी से नर्सरी तैयार करने के तरीको का जीवंत प्रदर्शन दिखाया। खीरा, लौकी,
करेला, भिंडी और मिर्च जैसी सब्जी की नर्सरी तैयार करने के बारे में बताया। इस गांव
के किसानों को एक पखवारे पहले उन्नत सब्जी बीज और कृषि उपकरण प्रदान किया गया था। इसके
अधीन गांव के 27 किसान परिवार को शामिल किया गया है। इसे आईसीएआर की
फार्म मशीनरी और पीएफडीसी योजना के अधीन चलाया गया। किसानो को डॉ मिंटू जॉब, डॉ
उत्तम कुमार और कमलेश्वर कुमार ने तकनीकी जानकारी दी।
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