मेक इन इंडिया के तहत लड़ाकू विमान बनाएगी अमेरिकी कंपनी बोइंग
नई दिल्ली।
अमेरिकी डिफेंस फर्म बोइंग अब मेक इन इंडिया के तहत भारत में लड़ाकू विमान
बनाएगी। गुरुवार को डिफेंस एक्सपो के दौरान बोइंग ने हिंदुस्तान
एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड और निजी कंपनी महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स के साथ
समझौता किया। एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट के भारत में प्रोडक्शन को लेकर लंबे समय
से बोइंग और लॉकहीड मार्टिन के बीच होड़ लगी थी। हालांकि, ट्रांसफर आॅफ
टेक्नोलॉजी के तहत इसमें देरी हो रही।
18 महीनों से जारी थी बातचीत
इस साल चेन्नई में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान बोइंग इंडिया के प्रेसिडेंट प्रत्यूष कुमार, एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर टी सुवर्ण राजू और महिद्रा डिफेंस सिस्टम के चेयरमैन एसपी शुक्ला ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सुपर हॉर्नेट बनाने के लिए ‘मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किए। इवेंट के दौरान प्रत्यूष कुमार ने कहा कि बोइंग और भारत की कंपनियों के बीच साझेदारी को लेकर पिछले करीब 18 महीनों से बातचीत जारी थी। हमने देश के करीब 400 सप्लायर्स से इस बारे में चर्चा की। भारतीय सरकार और रक्षा मंत्रालय का इरादा इस साझेदारी के तहत ‘मेक इन इंडिया’ एयरक्राफ्ट तैयार करवाना है”
नए साझेदारों के साथ काम करना रोमांचक
कुमार ने कहा, “एचएएल एकमात्र कंपनी है जो कॉम्बैट फाइटर एयरक्राफ्ट बनाती है और महिंद्रा डिफेंस फर्म भी एकमात्र कंपनी है जो छोटे कमर्शियल प्लेन मैन्युफैक्चर करती है। ऐसे में दोनों कंपनियों के साथ काम करना रोमांचक रहेगा।” हालांकि, उन्होंने निवेश के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
बोइंग भारत में लगा सकता है नई फैसिलिटी
समझौते पर महिंद्र डिफेंस सिस्टम के चेयरमैन एसपी शुक्ला ने कहा, “तीनों कंपनियों के साथ आने से हमें आपस में टेक्नोलॉजी, विशेषज्ञता और एक-दूसरे के काम को समझने में मदद मिलेगी। वहीं, एचएएल के चेयरमैन टी राजू ने कहा कि समझौते के तहत या तो बोइंग मौजूदा फैसिलिटी में ही एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर करेगा या अलग से फैसलिटी तैयार की जाएगी।
वायुसेन ने 110 फाइटर जेट्स के लिए जारी किया था टेंडर
बता दें कि पिछले हफ्ते ही वायुसेना ने 110 विमानों की जरूरत को पूरा करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। शर्तों के तहत सेना ऑर्डर के 85 फीसदी एयरक्राफ्ट देश में ही तैयार करवाना चाहती है। इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत करीब 15 बिलियन डॉलर्स रहने का अनुमान है।
18 महीनों से जारी थी बातचीत
इस साल चेन्नई में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान बोइंग इंडिया के प्रेसिडेंट प्रत्यूष कुमार, एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर टी सुवर्ण राजू और महिद्रा डिफेंस सिस्टम के चेयरमैन एसपी शुक्ला ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सुपर हॉर्नेट बनाने के लिए ‘मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किए। इवेंट के दौरान प्रत्यूष कुमार ने कहा कि बोइंग और भारत की कंपनियों के बीच साझेदारी को लेकर पिछले करीब 18 महीनों से बातचीत जारी थी। हमने देश के करीब 400 सप्लायर्स से इस बारे में चर्चा की। भारतीय सरकार और रक्षा मंत्रालय का इरादा इस साझेदारी के तहत ‘मेक इन इंडिया’ एयरक्राफ्ट तैयार करवाना है”
नए साझेदारों के साथ काम करना रोमांचक
कुमार ने कहा, “एचएएल एकमात्र कंपनी है जो कॉम्बैट फाइटर एयरक्राफ्ट बनाती है और महिंद्रा डिफेंस फर्म भी एकमात्र कंपनी है जो छोटे कमर्शियल प्लेन मैन्युफैक्चर करती है। ऐसे में दोनों कंपनियों के साथ काम करना रोमांचक रहेगा।” हालांकि, उन्होंने निवेश के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
बोइंग भारत में लगा सकता है नई फैसिलिटी
समझौते पर महिंद्र डिफेंस सिस्टम के चेयरमैन एसपी शुक्ला ने कहा, “तीनों कंपनियों के साथ आने से हमें आपस में टेक्नोलॉजी, विशेषज्ञता और एक-दूसरे के काम को समझने में मदद मिलेगी। वहीं, एचएएल के चेयरमैन टी राजू ने कहा कि समझौते के तहत या तो बोइंग मौजूदा फैसिलिटी में ही एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर करेगा या अलग से फैसलिटी तैयार की जाएगी।
वायुसेन ने 110 फाइटर जेट्स के लिए जारी किया था टेंडर
बता दें कि पिछले हफ्ते ही वायुसेना ने 110 विमानों की जरूरत को पूरा करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। शर्तों के तहत सेना ऑर्डर के 85 फीसदी एयरक्राफ्ट देश में ही तैयार करवाना चाहती है। इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत करीब 15 बिलियन डॉलर्स रहने का अनुमान है।
Commendable effort
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