टीका लगने के बाद बच्ची की मौत मामले में जानकारी लेने गांव पहुंचे सिविल सर्जन
गुमला।
विशुनपुर थाना क्षेत्र में टीका लगाने के बाद हुई बच्ची की मौत मामले में
गुरुवार को सिविल सर्जन जेसी दास गांव पहुंचे। यहां परिजनों से उन्होंने
बात की और टीका लगाने वाली नर्स देवंती से भी पूछताछ की। रांची से एक जांच
टीम भी विशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची है। बता दें कि बच्ची
की मौत बुधवार को हुई थी। परिजनों का आरोप है कि टीका लगने के बाद बच्ची की
तबियत बिगड़ गई थी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया हंगामा
पलामू में टीकाकरण के बाद चार बच्चों की मौत के बाद बुधवार को गुमला जिले के बिशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लगाने के बाद एक बच्ची की मौत हो गई थी। नवजात की मौत के बाद मां पुष्पा देवी और पिता बिंदेश्वर नाग समेत परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए केंद्र में जम कर हंगामा किया। डॉक्टर से उनकी तीखी नोकझोंक हुई।
मंगलवार को हुआ थी जन्म
मंगलवार दोपहर करीब दो बजे प्रसव पीड़ा के बाद पति ने उसे केंद्र में भर्ती कराया था। इसके बाद रात करीब 10 बजे उन्होंने बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ थी। परिजनों के अनुसार, इसके बाद बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नर्स देवंती ने बच्ची को बीसीजी व हेपेटाइटिस का टीका लगाया। टीका लगाते ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी और उसने दम तोड़ दिया।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ अंकुर उरांव ने बताया कि जन्म के बाद से ही नवजात की हालत ठीक नहीं थी। उसके मुंह में मल आ गया था, जिस कारण उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। इसके बाद नवजात को इंजेक्शन दिया गया। स्थिति में सुधार हो रहा था, लेकिन अचानक उसकी मौत हो गई।
रविवार को हुई थी 4 बच्चों की मौत
पाटन थाना क्षेत्र के लोइंगा गांव में चार बच्चों की मौत हो गई थी। परिजनों ने रुटीन टीकाकरण के बाद बच्चों की मौत का आरोप लगाया था। रविवार सुबह बच्चों की मौत की बात जब सामने आई तब डॉक्टर दिलीप पांडेय, एएनएम पूर्णिमा पांडेय व स्वास्थ्य कर्मी सुनील कुमार गांव पहुंचे। जहां इन सभी को ग्रामीणों ने करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा और सड़क जाम भी कर दिया था। बाद में स्थानीय विधायक के समझाने पर सभी को छोड़ा गया। इस मामले में अगले दिन टीका देने वाली एएनएम को निलंबित कर दिया गया था। वहीं, सीएम की ओर से पीड़ित परिजनों को एक-एक लाख रुपए की मुआवजा राशि दी गई। फिलहाल टीकाकरण से मौत मामले की जांच की जा रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किया हंगामा
पलामू में टीकाकरण के बाद चार बच्चों की मौत के बाद बुधवार को गुमला जिले के बिशुनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लगाने के बाद एक बच्ची की मौत हो गई थी। नवजात की मौत के बाद मां पुष्पा देवी और पिता बिंदेश्वर नाग समेत परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए केंद्र में जम कर हंगामा किया। डॉक्टर से उनकी तीखी नोकझोंक हुई।
मंगलवार को हुआ थी जन्म
मंगलवार दोपहर करीब दो बजे प्रसव पीड़ा के बाद पति ने उसे केंद्र में भर्ती कराया था। इसके बाद रात करीब 10 बजे उन्होंने बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ थी। परिजनों के अनुसार, इसके बाद बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे नर्स देवंती ने बच्ची को बीसीजी व हेपेटाइटिस का टीका लगाया। टीका लगाते ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी और उसने दम तोड़ दिया।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ अंकुर उरांव ने बताया कि जन्म के बाद से ही नवजात की हालत ठीक नहीं थी। उसके मुंह में मल आ गया था, जिस कारण उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। इसके बाद नवजात को इंजेक्शन दिया गया। स्थिति में सुधार हो रहा था, लेकिन अचानक उसकी मौत हो गई।
रविवार को हुई थी 4 बच्चों की मौत
पाटन थाना क्षेत्र के लोइंगा गांव में चार बच्चों की मौत हो गई थी। परिजनों ने रुटीन टीकाकरण के बाद बच्चों की मौत का आरोप लगाया था। रविवार सुबह बच्चों की मौत की बात जब सामने आई तब डॉक्टर दिलीप पांडेय, एएनएम पूर्णिमा पांडेय व स्वास्थ्य कर्मी सुनील कुमार गांव पहुंचे। जहां इन सभी को ग्रामीणों ने करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा और सड़क जाम भी कर दिया था। बाद में स्थानीय विधायक के समझाने पर सभी को छोड़ा गया। इस मामले में अगले दिन टीका देने वाली एएनएम को निलंबित कर दिया गया था। वहीं, सीएम की ओर से पीड़ित परिजनों को एक-एक लाख रुपए की मुआवजा राशि दी गई। फिलहाल टीकाकरण से मौत मामले की जांच की जा रही है।
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