INX मीडिया केस: कार्ति चिदंबरम गिरफ्तार
चेन्नई। आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम
के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार को चेन्नई एयरपोर्ट से
गिरफ्तार कर लिया। वो कार्ट से इजाजत लेकर कुछ दिन पहले लंदन गए थे। बीजेपी
नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कार्ति के खिलाफ मजबूत सबूत हैं, वो जेल
जाएंगे। यह बड़ी कामयाबी है। दूसरी ओर, जांच एजेंसी ने बताया कि कार्ति पर
आईएनएक्स मीडिया की मदद के बदले में 10 लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है।
वो जांच में मदद नहीं कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद कार्ति को फ्लाइट से
दिल्ली लाया गया। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें सीबीआई हेडक्वार्टर में रखा
गया है। कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया और कहा कि मोदी सरकार
अपने घोटाले छिपा रही है।
गिरफ्तारी से कांंग्रेस की आवाज नहीं दबेगी
कांग्रेस स्पोक्सपर्सन रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''कार्ति की गिरफ्तारी कांग्रेस को मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं रोक सकती है। यह बदले की कार्रवाई है। केंद्र सरकार भी भ्रष्टाचार से घिरी है और अपने घोटालों को छिपा रही है।'' गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कार्ति की पैरवी करेंगे।
जेल जाएंगे कार्ति, ये बड़ी कामयाबी: स्वामी
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''सीबीआई ने उन्हें (कार्ति चिदंबरम को) कई मौके दिए, लेकिन सारे सबूत सामने होने के बाद भी वो झूठ बोलते रहे। सीबीआई आगे चार्जशीट पेश करेगी और कार्ति अंत में जेल जाएंगे। यह बड़ी कामयाबी है।''
कब दर्ज किया गया कार्ति के खिलाफ केस
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह केस 2006-07 का है। इस संबंध में सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ पिछले साल 15 मई को मामला दर्ज किया। उन पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और अफसरों को अपने प्रभाव में लेने का आरोप है।
कार्ति के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
ईडी ने इसी महीने कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने 2007 में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया (अब 9X मीडिया) के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट में अनियमितताओं के कारण कार्ति चिदंबरम के लिए समन जारी किया था। सीबीआई इस मामले की अलग से जांच कर रही है। इस मामले में आईएनएक्स मीडिया के ओनर रहे इंद्राणी और पीटर मुखर्जी को भी जांच के दायरे में लिया है।
क्या है INX मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी ली। इसके बाद आईएनएक्स को 305 करोड़ फंड मिला। इसके बदले में कार्ति को 10 लाख रुपए की रिश्वत मिली। इसके बाद आईएनएक्स मीडिया और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच डील के तहत 3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।
पी चिदंबरम की क्या भूमिका थी
आईएनएक्स मामले में दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का नाम नहीं है। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने 18 मई 2007 की फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया में 4.62 करोड़ रुपए के फॉरेन इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी थी।
एयरसेल मैक्सिस का क्या मामला है?
एयरसेल मैक्सिस डील मामले में भी कार्ति पर गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी हासिल करने का आरोप है। इसमें पी चिदंबरम की भूमिका की भी जांच की जा रही है। दरअसल, पी चिदंबरम तब वित्त मंत्री थे। उन्होंने 2006 में 80 करोड़ डॉलर (5206 करोड़ रुपए) की एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी थी, जबकि उन्हें 600 करोड़ रुपए तक की डील को मंजूरी देने का अधिकार था। 3500 करोड़ रुपए से ऊपर के इन्वेस्टमेंट की मंजूरी के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) का अप्रूवल लिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया। मलेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में रजामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
गिरफ्तारी से कांंग्रेस की आवाज नहीं दबेगी
कांग्रेस स्पोक्सपर्सन रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''कार्ति की गिरफ्तारी कांग्रेस को मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने से नहीं रोक सकती है। यह बदले की कार्रवाई है। केंद्र सरकार भी भ्रष्टाचार से घिरी है और अपने घोटालों को छिपा रही है।'' गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी कार्ति की पैरवी करेंगे।
जेल जाएंगे कार्ति, ये बड़ी कामयाबी: स्वामी
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''सीबीआई ने उन्हें (कार्ति चिदंबरम को) कई मौके दिए, लेकिन सारे सबूत सामने होने के बाद भी वो झूठ बोलते रहे। सीबीआई आगे चार्जशीट पेश करेगी और कार्ति अंत में जेल जाएंगे। यह बड़ी कामयाबी है।''
कब दर्ज किया गया कार्ति के खिलाफ केस
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह केस 2006-07 का है। इस संबंध में सीबीआई ने कार्ति के खिलाफ पिछले साल 15 मई को मामला दर्ज किया। उन पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और अफसरों को अपने प्रभाव में लेने का आरोप है।
कार्ति के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
ईडी ने इसी महीने कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने 2007 में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया (अब 9X मीडिया) के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट में अनियमितताओं के कारण कार्ति चिदंबरम के लिए समन जारी किया था। सीबीआई इस मामले की अलग से जांच कर रही है। इस मामले में आईएनएक्स मीडिया के ओनर रहे इंद्राणी और पीटर मुखर्जी को भी जांच के दायरे में लिया है।
क्या है INX मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी ली। इसके बाद आईएनएक्स को 305 करोड़ फंड मिला। इसके बदले में कार्ति को 10 लाख रुपए की रिश्वत मिली। इसके बाद आईएनएक्स मीडिया और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच डील के तहत 3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।
पी चिदंबरम की क्या भूमिका थी
आईएनएक्स मामले में दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का नाम नहीं है। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने 18 मई 2007 की फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया में 4.62 करोड़ रुपए के फॉरेन इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी थी।
एयरसेल मैक्सिस का क्या मामला है?
एयरसेल मैक्सिस डील मामले में भी कार्ति पर गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी हासिल करने का आरोप है। इसमें पी चिदंबरम की भूमिका की भी जांच की जा रही है। दरअसल, पी चिदंबरम तब वित्त मंत्री थे। उन्होंने 2006 में 80 करोड़ डॉलर (5206 करोड़ रुपए) की एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी थी, जबकि उन्हें 600 करोड़ रुपए तक की डील को मंजूरी देने का अधिकार था। 3500 करोड़ रुपए से ऊपर के इन्वेस्टमेंट की मंजूरी के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) का अप्रूवल लिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया। मलेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में रजामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
No comments