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राज्यसभा चुनाव: UP में केवल एक सीट से बना महामुकाबला

नई दिल्ली। शुक्रवार को राज्यसभा के 58 नए सदस्यों का चुनाव होना है। हालांकि यूपी को छोड़कर शेष 15 राज्यों पर उम्मीदवारों का निर्विरोध चयन तय है, केवल औपचारिक घोषणा ही करनी है। यूपी में निर्धारित इस चुनाव से आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिये सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनों का भी निर्णय होगा। राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक करीब 25 साल के बाद ऐसा पहला मौका है जब बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के प्रति नरम रुख अपनाया है। यह आगे भी जारी रहेगा, इसका सारा दारोमदार राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर है।

यूपी में राज्यसभा के उम्मीदवार
उप्र से राज्यसभा की 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने नौ प्रत्याशी उतारे है इनमें अरूण जेटली, डॉ.अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल न​रसिंहा राव, हरनाथ सिंह यादव तथा अनिल कुमार अग्रवाल हैं। जबकि सपा ने जया बच्चन और बसपा ने भीमराव आंबेडकर को मैदान में उतारा है। मालूम हो कि सपा के राज्यसभा सदस्यों नरेश अग्रवाल, दर्शन सिंह यादव, नरेश चन्द्र अग्रवाल, जया बच्चन, चौधरी मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी, भाजपा के विनय कटियार और कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसके अलावा मनोहर पर्रिकर और मायावती की सीट रिक्त है।

केवल यूपी में है मजेदार मुकाबला
राज्यसभा चुनाव को केवल यूपी के सियासी समीकरण के ही दिलचस्प बनाया हुआ है। शुक्रवार को होने वाले चुनाव यूपी में बीजेपी और सपा-बसपा के बीच केवल 1 सीट को लेकर प्रतिष्ठा की लड़ाई है। इस एक सीट पर वोटों के समीकरण कुछ इस तरह है कि बीजेपी, सपा-बसपा इसे जीतने के लिए शाम—दाम—दंड—भेद का दांव लगाने से गुरेज नहींं कर रहे हैं।

यह है यूपी का गणित
राज्यसभा की इन 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की 8 सीट तो तय है। वहीं सपा की नौंवीं सीट भी पक्की है। अब जो 10वीं सीट है, पूरा महाभारत केवल इसी एक सीट के लिए है। यहां बीजेपी के अनिल अग्रवाल और बसपा के भीमराव अंबेडकर में खिताबी मुकाबला है। 10वीं सीट के लिए बसपा की ओर से भीमराव अंबेडकर को सपा का समर्थन प्राप्त है। एक राज्‍यसभा सीट पर जीत के लिए औसत 37 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो यूपी की आठ सीटों पर वोट करने के बाद बीजेपी के पास 8 विधायकों के अतिरिक्त मत बच रहे हैं और उसे जीत के लिए सिर्फ नौ और मतों की जरूरत होगी। अभी बीजेपी के पास 8 विधायक हैं और उसे जीत के लिए 9 और चाहिए। वहीं बसपा के पास 19 विधायक हैं, और बसपा के 19, सपा के 10, कांग्रेस के 7 और रालोद के 1 वोट को मिलाकर कुल 37 हो रहे हैं। बसपा को अगर ये सभी वोट कर देते हैं तो लगभग यह जीत के बराबर होगा, मगर बीजेपी इनमें से तोड़ने में कामयाब हो जाती है, तो फिर यह असंभव हो जाएगा। तो इस लिहाज से देखा जाए तो यूपी में 10 सीटों में से बीजेपी को 8 सपा को 1 सीट पर जीत तय है। महामुकाबला बस 10वीं सीट के लिए ही है।

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