साईकिल से दे रहे लैंगिक असामनता मिटाने का संदेश
रांची। देश में लड़कियों के प्रति आम परिवारों
में अच्छी धारणा नहीं है। उनका मानना है कि लड़कियां अधिक पढ़कर क्या करेगी। आखिरकार
उसे चूल्हा-चौका ही करना है। उनकी इस धारणा को बदलने राकेश कुमार सिंह साईकिल से देश
भर की यात्रा कर रहे हैं। ‘राइट फॉर जेंडर फ्रीडम’ का संदेश लेकर निकले श्री सिंह 19 अप्रैल को रांची
स्थित रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग पहुंचे। विभागाध्यक्ष
डॉ त्रिवेणी नाथ साहु, डॉ हरि उरांव और डॉ उमेश नंद तिवारी ने
उनका स्वागत किया। श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में जिस प्रकार का माहौल हमारे
देश और समाज में महिलाओं के प्रति है,
उसमें बदलाव लाने की जरूरत है। आज महिलाएं समाज में अपने को असुरक्षित महसूस कर
रही हैं।
कन्याओं का भ्रूण हत्या, दहेज
के लिए प्रताड़ना,
बलात्कार जैसी कुकृत्य हमारे देश में
बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है। ऐसी कुकृत्यों को रोकने के लिए उन्होंने युवाओं से
आगे आने का आह्वान किया।श्री सिंह देशभर में महिलाओं से संबंधित अधिकारों को लेकर
अभियान के तहत जन-जन तक संदेश पहुंचा रहे हैं। मौके पर विभाग के डॉ सरस्वती गागराई, डॉ अर्चना कुमारी, बीरेन्द्र कुमार महतो, अरुण आशीष तिग्गा, निरंजन कुमार, किरण
कुल्लू, राधिका उरांव, योगेश
प्रजापति, करम सिंह मुंडा, चिन्ता
हासा, अलविना जोजो, चंचला
हेमरोम सहित शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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